जेएनयू छात्र संघ चुनाव से पहले एक बार फिर दो गुटों में झड़प की खबर सामने आ रही है. जेएनयू में सभी छात्र संगठनों द्वारा आयोजित "यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग" के दौरान लेफ्ट और एबीवीपी में झड़प हुई, जिसमें कुछ छात्र घायल भी हुए हैं. झड़प से जुड़े एक वीडियो में जेएनयू की मौजूदा छात्र संघ अध्यक्ष बाकी छात्रों के साथ बहस करती नजर आ रही हैं. दोनों पक्षों ने इस झड़प के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं जबकि जेएनयू प्रशासन ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
परिसर में 2024 के जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग के सदस्यों को चुनने के लिए साबरमती ढाबे पर विश्वविद्यालय आम सभा की बैठक (यूजीबीएम) बुलायी गयी थी और इस दौरान छात्र समूहों के बीच झड़प हो गयी.
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष पर हमला
परिसर में 2024 के जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग के सदस्यों को चुनने के लिए साबरमती ढाबे पर विश्वविद्यालय आम सभा की बैठक (यूजीबीएम) बुलायी गयी थी और इस दौरान छात्र समूहों के बीच झड़प हो गयी. सोशल मीडिया पर दोनों समूहों द्वारा साझा की गयी वीडियो में एबीवीपी और जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों को नारेबाजी के बीच बहस करते हुए देखा जा सकता है, जबकि विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी स्थिति को काबू में करने की कोशिश में लगे दिखायी दिए. ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया' ने दावा किया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष पर एबीवीपी के छात्रों ने हमला किया और झड़प के दौरान उन पर पानी फेंका.
एबीवीपी का आरोप
एबीवीपी ने झड़प को लेकर कहा, "आज सर्वदलीय यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन किया, जो रात 9:30 बजे साबरमती मैदान में रखी गई थी. सबसे पहले वामपंथी जेएनयूएसयू ने माइक और साउंड कार्यकर्ताओं को जातिवादी गालियां दीं... क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि एबीवीपी यूजीबीएम में भाग ले. इस पर कार्यकर्ताओं ने अपमानित महसूस किया और पीछे हट गए. हालांकि, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनसे बात की और उन्हें माइक और साउंड नहीं ले जाने के लिए कहा. जब वामपंथी नेतृत्व वाली पार्टियों (एआईएसए, एसएफआई, डीएसएफ और कई अन्य) ने देखा कि यूजीबीएम किसी भी तरह से होगा, तो उन्होंने जीबीएम को परेशान करने की कोशिश की. आख़िरकार, उन्होंने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने उन दिव्यांग छात्रों को भी नहीं बख्शा जो एबीवीपी के समर्थक थे. एबीवीपी के कई समर्थक और छात्र भी घायल हुए हैं."
ABVP ने लोकतांत्रिक भावना को कमजोर किया- एनएसयूआई
वहीं, एनएसयूआई ने कहा कि एबीवीपी ने हमारे परिसर के भीतर लोकतांत्रिक भावना को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है. विघटनकारी रणनीति को बढ़ावा देने में एबीवीपी से जुड़े कुछ व्यक्तियों की कथित संलिप्तता एक समावेशी और लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल उठाती है. ये कार्रवाइयां न केवल विचारों के मुक्त आदान-प्रदान में बाधा डालती हैं, बल्कि भय और धमकी के माहौल में भी योगदान करती हैं, जिससे हमारे शैक्षणिक समुदाय के भीतर पनपने वाली विविध आवाजों को दबा दिया जाता है. लोकतांत्रिक मूल्यों के पैरोकार के रूप में, एनएसयूआई बल या जबरदस्ती के माध्यम से विरोधी दृष्टिकोण को दबाने के किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा करती है.
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