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कोचिंग सेंटर में मौतों के बाद दिल्ली के नालों से गाद निकालने की रिपोर्ट पर AAP और LG में तकरार

दिल्ली कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के बाद आम आदमी पार्टी घिर गई है. अब बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर साजिश रचने का आरोप लगाया है. जानें क्या हुआ अब तक इस मामले में...

कोचिंग सेंटर में मौतों के बाद दिल्ली के नालों से गाद निकालने की रिपोर्ट पर AAP और LG में तकरार
सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के उपराज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

दिल्ली में 'नालों से गाद निकालने की योजना' सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच तीखी तकरार का केंद्र बन गई है. इससे पहले आज, सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस योजना में यमुना नदी में गिरने वाले 18 मुख्य नालों से गाद निकालने और प्रबंधन करने के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण का प्रस्ताव शामिल है. यह पिछले साल अगस्त से दिल्ली के बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज के पास लंबित है. हालांकि, भारद्वाज ने दावे को खारिज कर दिया है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "एलजी कार्यालय का दावा है कि फाइल पर फैसले का इंतजार है, क्योंकि फाइल 'मंत्री के पास लंबित' है... उन्हें पता होना चाहिए कि इसे बहुत पहले मंजूरी दे दी गई थी." सौरभ भारद्वाज ने इस पोस्ट के साथ ही फाइल पर आदेश संख्या भी बता दी. उन्होंने आगे कहा, "...इसे मानसून के बाद लागू किया जाएगा. अभी, संबंधित एजेंसियों को अपने क्षेत्र के नालों से गाद निकालने का ध्यान रखना होगा."

साथ ही सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के लोगों के खिलाफ एक "साजिश" का आरोप लगाया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उपराज्यपाल नालों के प्रबंधन का काम करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने में विफल रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि नालों और सीवरों से गाद हटाने का काम अगर बंद हो जाता है, तो वे बारिश के पानी और सीवेज को शहर की सड़कों पर वापस धकेल देते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ आती है. ये काम नगर निगम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा अनुचित तरीके से किया गया था. हालांकि, दिल्ली नगर निगम पर भी आम आदमी ही सत्तारूढ़ है. एक्स पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने पहली बार फरवरी में इस मुद्दे को उठाया था.

एलजी ऑफिस ने अभी नहीं दिया जवाब

उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने सौरभ भारद्वाज के दस्तावेजों के सिलसिले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. पिछले हफ्ते बाढ़ के बीच चार छात्रों की मौत हो गई. इनमें तीन छात्र राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूब गए, जबकि चौथा पटेल नगर में करंट लगने से मारा गया. 

AAP को संसद में सहयोगियों ने भी घेरा

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संसद में भाजपा ने आप से इस मुद्दे पर सवाल किए. यहां तक ​​कि सहयोगी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और सीपीआईएम ने दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था और डीसिल्टिंग की स्थिति के बारे में कठिन सवाल पूछे. लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आप सरकार के लिए कुछ तीखे शब्द कहे. उन्होंने कहा, राष्ट्रीय राजधानी में ''बुनियादी मानदंडों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन'' हो रहा है. बीजेपी ने सड़क पर भी विरोध प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस को पानी की बौछारें करनी पड़ीं. भाजपा के दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आप कार्यालय के पास डेरा डाला.

बुलडोजर कार्रवाई भी शुरू

फायर ब्रिगेड विभाग ने उस बिल्डिंग की फायर सेफ्टी क्लियरेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पुलिस ने इस हादसे में अब तक कोचिंग सेंटर और बिल्डिंग के मालिक समेत कुल 7 आरोपी गिरफ्तार किए हैं. उन पर गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से मौत का आरोप है.बेसमेंट हादसे के बाद 13 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए हैं. ये इस इलाके में चल रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ अब तक की बड़ी कार्रवाई है. यहां की बिल्डिंग कैंपस में नियमों की अनदेखी करके कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे थे. इस बीच सिविल अथॉरिटीज ने उन कोचिंग संस्थानों के पास बुलडोजर की कार्रवाई भी शुरू कर दी है, जहां अतिक्रमण की वजह से नालियों के ब्लॉक होने की शिकायत मिली थी. नालियां ब्लॉक होने से जलभराव की समस्या बढ़ गई है.

चीफ जस्टिस को लिखा खत

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सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्र अविनाश दुबे ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ से गुहार लगाते हुए मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की बात कही है. छात्र ने खत में तीन छात्रों की मौत के जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की मांग भी की है. दुबे ने CJI को लिखे मेल में कहा कि दिल्ली का मुखर्जी नगर, ओल्ड राजेन्द्र नगर जैसे क्षेत्र सालों से यहां की नगर पालिका की उदासीनता की वजह से प्रति वर्ष जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं.नाले का पानी सफाई नहीं होने की वजह से मेन रोड यहां तक कि कभी कभी घरों में चला जाता है.हमें घुटनेभर नाले वाले पानी में चलना पड़ता है. नगर पालिका और दिल्ली सरकार की उदासीनता की वजह से आज हम जैसे छात्र नरक जैसे जीवन जीते हुए अपनी तैयारी कर रहे हैं. 

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