भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में अपना सबसे बड़ा पहाड़ी युद्धाभ्यास 'हिम विजय' आयोजित किया है. पूर्वोत्तर राज्य में इस तरह की यह पहली कवायद है, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया है. क्योंकि अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से को वह दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 100 किलोमीटर दूर तीन युद्ध समूह (प्रत्येक में 4 हजार सैनिक शामिल हैं) 14 हजार फुट की ऊंचाई पर हो रहे अभ्यास में भाग ले रहे हैं. 25 अक्टूबर को समाप्त हो रहा यह युद्धाभ्यास तवांग के पास अरुणाचल प्रदेश में कई चरणों में किया जा रहा है.
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यह अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए भारत का दौरा करेंगे. इस बैठक के महाबलीपुरम में होने की संभावना है. खबरों के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति शी की यात्रा की देखरेख करने के लिए यहां आए चीनी उप-विदेश मंत्री लुओ झाओहुई ने गुरुवार को विदेश सचिव विजय गोखले से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया. राष्ट्रपति शी के भारत आने की तिथि की घोषणा नहीं हुई है.
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कश्मीर के मुद्दे पर भारत-चीन संबंधों में तनाव के बीच उनकी यह यात्रा हो रही है. जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर बीजिंग ने अपने अच्छे दोस्त पाकिस्तान का पक्ष लेने का फैसला किया है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर मुद्दे को भी उठाया था.
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