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This Article is From May 09, 2022

चीन की मंशा भारत के साथ सीमा विवाद मुद्दे को बरकरार रखने की : सेना प्रमुख

सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर घुसपैठ में कमी आई है.घुसपैठ को रोकने के लिए हमारी काउंटर इनफील्ट्रेशन ग्रिड काफी बेहतर काम कर रही है .

चीन की मंशा भारत के साथ सीमा विवाद मुद्दे को बरकरार रखने की : सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने कहा, सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पास 'मजबूत स्थिति' में है
नई दिल्‍ली:

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army chief General Manoj Pande) ने कहा है कि चीन सीमा विवाद  को जिंदा रखना चाहता है वही अगर चीन बॉर्डर पर यथास्थिति को बदलने की कोई भी कोशिश करेगा तो हम न उसे रोकेंगे बल्कि जवाबी कार्रवाई भी करेंगे.वही भारत का रुख साफ है कि वह  सीमा पर अप्रैल 2020 के पहले की यथास्थिति बहाल करने के पक्ष में हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि हमारा उद्देश्य दोनों तरफ विश्वास और शांति कायम रखना है .उन्होंने भारत-चीन सीमा विवाद को संपूर्णता से सुलझाने की बात कही.जनरल पांडे ने यह भी जोर देकर कहा कि सीमा पर यथास्थिति को भंग करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.इसे केवल विचार-विमर्श से ही सुलझाया जा सकता है. बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच कोर कमांडर लेवल की 15 दौर की बातचीत हो चुकी है पर अभी भी कुछेक जगहों पर पेट्रोलिंग को लेकर मतभेद बना हुआ है .पिछले दो साल से  पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है.

वही सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर घुसपैठ में कमी आई है.घुसपैठ को रोकने के लिए हमारी काउंटर इनफील्ट्रेशन ग्रिड काफी बेहतर काम कर रही है .हालांकि उन्होंने कहा कि  जम्मू और पंजाब के इंटरनेशनल बॉर्डर पर ड्रोन के जरिये हथियार गिराने और ड्रग की तस्करी बढ़ी हैं।वही सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध हम सभी के लिए सबक है.उन्होंने आगे बताया कि जरूरी नहीं है कि युद्ध छोटा और त्वरित ही हो.जनरल पांडे ने कहा कि सेना में कतिपय कलपुर्जों और गोला बारूद की आपूर्ति श्रृंखला बेहद कम प्रभावित हुई है पर हमारे पास यथोचित  अवधि के लिए पर्याप्त भंडार उपलब्ध है.

जनरल पांडे ने लगभग एक हफ्ते पहले ही थलसेना की कमान संभाली है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता के परिणामस्वरूप पैंगोंग झील, गोगरा और गलवान में गश्ती केंद्र 14 के उत्तर और दक्षिणों तट पर सैनिकों को हटा लिया गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'हम शेष क्षेत्रों में भी बातचीत के जरिए समाधान निकलने की उम्मीद करते हैं.'उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल करना है.पूर्वी लद्दाख में गतिरोध 4-5 मई 2020 को शुरू हुआ था और भारत गतिरोध से पहले की स्थिति की बहाली पर जोर देता रहा है.उन्होंने कहा कि उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच विश्वास और शांति स्थापित करना है लेकिन यह 'एकतरफा मामला' नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, 'हमारे सैनिक एलएसी पर महत्वपूर्ण स्थानों पर बने हुए हैं. जहां तक स्थिति का सवाल है, सैनिकों को अपने काम में दृढ़ बने रहने और यथास्थिति को बदलने के प्रयासों को रोकने के लिए मार्गदर्शन दिया गया है.' (एएनआई से भी इनपुट)

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