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This Article is From Feb 08, 2023

'बच्चों की पढ़ाई प्रभावित': अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप बंद होने से अभिभावक हुए परेशान

साल 2006 में केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के वजीफे की शुरुआत की थी. पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप और MPHIL/ PHD छात्रों के लिए मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप शुरू की गई थी.

साल 2014-2022 तक करीब 5.2 करोड़ प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप दी गई.

केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति स्कॉलरशिप बंद किए जाने के फैसले से काफी लोग दुखी हैं. स्कॉलरशिप के तहत छात्रों को एक हजार रुपये सालाना मिलते थे. लेकिन अब सरकार ने स्कॉलरशिप बंद कर दी है. सिलाई मशीन चलाकर अपना घर चलाने वाली आफरीना कुरैशी के अनुसार उनकी दो बेटियां हैं और घर चलाने वाली ये अकेली महिला हैं.  केंद्र सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति से इन्हें थोड़ी राहत मिल जाती थी. आफरीना कुरैशी ने NDTV से बात करते हुए कहा कि स्कॉलरशिप से बच्चों की ड्रेस लेते थे या किताबें आ जाती थी. स्कूलों के काफी खर्चे होते थे जो कि स्कॉलरशिप के पैसों से पूरे हो जाते थे. स्कॉलरशिप के पैसे नहीं आने से हमें ओर काम करना पड़ेगा.

कहकंशा खान दो बेटियों के साथ एक मकान में किराए पर रहती हैं. कढ़ाई का काम करके वो मुश्किल से एक महीने में सात से आठ हजार की कमाई कर पाती हैं. उन्होंने स्कॉलरशिप बंद होने पर दुख जताते हुए कहा कि हजार रुपये में बच्चों के लिए स्कूल यूनिफॉर्म और किताबें आती थी. अब काम में डबल मेहनत हो गई है. अब पैसों के लिए मेरे को ओर काम करना होगा.

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दरअसल  साल 2006 में केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के वजीफे की शुरुआत की थी. पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप और MPHIL/ PHD छात्रों के लिए मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप की शुरुआत की गई. ये वजीफे उन छात्रों को मिलते थे जिनके परिवार की सालाना आए एक लाख कम थी और छात्रों के पचास फीसदी से ज्यादा अंक आते थे.

साल 2014-2022 तक करीब 5.2 करोड़ प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप दी गई और 6, 722 छात्रों को मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप दी गई. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे ये कहते हुए बंद कर दिया है कि कक्षा आठ तक की पढ़ाई अधिकार के तहत मुफ्त होती है. मुसलमानों के अलावा जैन, सिख, पारसी, ईसाई और बौद्ध छात्रों को यह छात्रवृत्ति दी जाती थी.

वहीं स्कॉलरशिप बंद किए जाने के विरोध में मुंबई के आजाद मैदान में हाल ही में केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन भी किया गया.

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