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सिरप से मौत मामला: MP में ड्रग इंस्पेक्टर्स की टीम ने उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में मारा छापा

ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने कई शहरों में एक साथ छापेमारी की है. जिन शहरों में छापेमारी की गई है उनमें भिंड, उज्जैन, जबलपुर जैसे शहर भी शामिल हैं.

सिरप से मौत मामला: MP में ड्रग इंस्पेक्टर्स की टीम ने उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में मारा छापा
एमपी में ड्रग टीम ने कई शहरों में की छापेमारी
  • MP सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन लगाकर कई शहरों में छापेमारी की है
  • ड्रग इंस्पेक्टरों ने भिंड, उज्जैन, जबलपुर समेत कई जगहों से फेल बैच की 248 बोतलें जब्त की हैं
  • छिंदवाड़ा में हुई मौतों की जांच रिपोर्ट में सिरप में डायएथिलिन ग्लायकॉल की मात्रा 46.2 प्रतिशत पाई गई
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भोपाल:

मध्य प्रदेश में सिरप से बच्चों की मौत मामले में सूबे की सरकार एक्शन मोड में है. सरकार ने पहले ही इस सिरप पर बैन लगा दिया है. रविवार को इस मामले में उज्जैन और जबलपुर समेत राज्य के अलग-अलग शहरों में छापेमारी की गई है. आयुष फार्मा और न्यू अपना फर्मा कंपनी पर छापेमारी की है. आयुष फार्मा से कोल्ड्रिफ सिरप की 248 बोतलों को जब्त भी किया गया है. परासिया थाना पुलिस ने कांचीपुरम (तमिलनाडु) स्थित कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल और सिरप प्रिस्क्राइब करने वाले डॉ. प्रवीन सोनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. डॉ. प्रवीन सोनी को सस्‍पेंड भी कर दिया गया है. 

इस छापेमारी को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर से एनडीटीवी ने खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने कई शहरों में एक साथ छापेमारी की है. जिन शहरों में छापेमारी की गई है उनमें भिंड, उज्जैन, जबलपुर जैसे शहर भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस छापेमारी के दौरान जब्त दवाइयां उसी बैच की हैं जो टेस्टिंग में फेल हुई है. टीम सभी बोतलों को सीज कर एनी दवाइयों की सैंपलिंग भी कर रही है. 

लापरवाही की वजह से हुई बच्चों की मौत, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

आपको बता दें कि छिंदवाड़ा में सिरप से बच्चों की मौत को लेकर मध्य प्रदेश सरकार की रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों की मौत लापरवाही के कारण हुई है. जो सिरप बच्चों को दिया गया उसमें 46.2 फीसदी डायएथिलिन ग्लायकॉल की मात्रा मिली है. इसकी इतनी ज्यादा मात्रा ही बच्चों की मौत की एक वजह हो सकती है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी डॉक्टर प्राइवेट क्लीनिक से ये दवा लोगों को लिखते रहे. 

आपको बता दें कि एमपी में सिरप से जब छह बच्चों की मौत के बाद ही प्रशासन एक्टिव हुआ था. अब ये रिपोर्ट इस मामले में पांच दिन की जांच के बाद सामने आई है. ये सिरप मध्य प्रदेश में बैन होने से पहले राजस्थान और तमिलनाडु में पहले बैन की गई थी. 

बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी एक्शन मोड में दिख रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विवादों में आए कोल्ड्रिफ कफ सिरप पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है. साथ ही मानकों पर खरी न उतरने वाली दवा को छापामारी करके जब्त करने के निर्देश दिए हैं. सीएम मोहन यादव ने शनिवार को कहा था कि दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता और बीमार बच्चों का इलाज कराने की भी घोषणा की है. 

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