असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने मंगलवार को नागालैंड के दीमापुर में सबसे बड़े सशस्त्र नागा समूह, एनएससीएन-आईएम के नेतृत्व के साथ बैठक की. सन 1997 में केंद्र के साथ बातचीत शुरू करने के बाद से यह पहली बार था जब एनएससीएन-आईएम ने राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत की. हालांकि बातचीत अनौपचारिक थी, लेकिन माना जाता है कि यह विद्रोही समूह के साथ शांति वार्ता को पटरी पर लाने के लिए एक राजनीतिक चैनल की शुरुआत है.
औपचारिक स्तर पर एनएससीएन-आईएम नेतृत्व, वार्ताकार और नगालैंड के पूर्व राज्यपाल आरएन रवि के बीच गतिरोध होने के बाद दो साल के अंतराल के बाद केंद्र के मध्यस्थ एके मिश्रा के साथ सोमवार को बातचीत फिर से शुरू हुई थी. इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक मिश्रा ने सोमवार को दीमापुर में एनएससीएन-आईएम के नेता थ मुइवा से मुलाकात की थी. यह बैठक नगा राजनीतिक मुद्दे पर केंद्र की पहुंच का नतीजा है.
पॉलिटिकल आउटरीच का नेतृत्व नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा ने किया. एनईडीए एनडीए का पूर्वोत्तर संस्करण है जिसमें क्षेत्र के प्रमुख दल घटक हैं.
इस बीच, वार्ता विरोधी उल्फा, जिसे उल्फा (स्वतंत्र) के नाम से भी जाना जाता है, ने असम सरकार के शांति प्रस्तावों के जवाब में संघर्ष विराम की घोषणा की है. सरमा ने कहा, "उल्फा, असम सरकार ने प्रमुख परेश बरुआ के साथ संचार बनाए रखा था और अब केंद्रीय गृह मंत्री ने मुझे सीधे तौर पर कोई गुंजाइश होने पर बातचीत करने की अनुमति दी है."
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