
कहते हैं फिल्में समाज का आईना होती हैं, जो समाज में घटता है वही पर्दे पर दिखाया जाता है. लेकिन कभी-कभी फिल्में समाज को इस कदर प्रभावित कर देती हैं कि लोग रील को रीयल समझने लगते हैं. ऐसा ही एक दिलचस्प किस्सा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मुंबई में चल रहे फिक्की फ्रेम्स के 25वें एडिशन में साझा किया, जहां अभिनेता अक्षय कुमार उनसे सवाल-जवाब कर रहे थे. जब अक्षय ने पूछा कि “कोई ऐसी फिल्म है जिसने आप पर गहरी छाप छोड़ी हो?”,
तो फड़नवीस ने मुस्कुराते हुए कहा, “देखिए, पहले तो यह कहना चाहूंगा कि फिल्में हमें एक लीडर के तौर पर नहीं बल्कि एक इंसान के तौर पर प्रभावित करती हैं. कई फिल्में हैं जिन्होंने मुझे इंसानी तौर पर छुआ है. लेकिन अगर राजनीति की बात करें तो एक फिल्म है जिसने मुझे जितना प्रभावित किया, उतना ही मुश्किल में भी डाल दिया और वो है नायक. नायक में अनिल कपूर एक दिन के मुख्यमंत्री बनकर इतने सारे काम कर जाते हैं कि जब भी मैं कहीं जाता हूँ तो लोग कहते हैं, ‘फड़नवीस जी, नायक जैसा काम करो.' मुझे तो एक बार अनिल कपूर जी से कहना पड़ा कि आपने ‘नायक' बनकर हमें ‘नालायक' बना दिया! लोगों को लगता है कि एक दिन में सारी दुनिया बदल सकती है. लेकिन उस फिल्म ने एक बेंचमार्क जरूर सेट किया है.”
फड़नवीस ने आगे कहा कि फिल्में उनकी संवेदनाओं और मानवीय भावनाओं को ताज़ा रखती हैं. “राजनीति जैसे क्षेत्र में जहां भावनाएं कई बार मद्धम पड़ जाती हैं, वहां फिल्में मुझे फिर से एक आम इंसान की तरह सोचने और महसूस करने में मदद करती हैं,”
उन्होंने कहा, नेता और अभिनेता ज़्यादातर अलग-अलग मंचों पर बात करते नज़र आते हैं, और वह भी अधिकतर अपने-अपने क्षेत्र के बारे में. पर जब बातें एक-दूसरे के क्षेत्र के बारे में हों तो बातचीत रोचक हो जाती है. इसी बातचीत में अगर मुख्यमंत्री भी कुछ सवाल अक्षय से पूछते, तो शायद यह सत्र और भी मज़ेदार हो जाता.
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