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पुणे पोर्शे मामले में छोटा राजन की 'एंट्री'! आरोपी के दादा का डॉन से निकला कनेक्शन

नाबालिग आरोपी के दादा, सुरेंद्र अग्रवाल के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से संबंध होने की जानकारी सामने आई है.

पुणे पोर्शे मामले में छोटा राजन की 'एंट्री'! आरोपी के दादा का डॉन से निकला कनेक्शन
मुंबई:

महाराष्ट्र के पुणे में पोर्शे कार ऐक्सिडेंट (Porsche Car Accident) मामले में रियल स्टेट  (Real Estate) कारोबारी अग्रवाल परिवार चर्चा में है. अब इस मामले में नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आरोपी नाबालिग लड़के के परिवार का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन भी सामने आया है. कुछ और खुलासे भी हो रहे हैं, ये भी जानकारी मिली है कि पुलिस स्टेशन में आरोपी को पिज़्ज़ा खिलाया गया था. अब मामले में ज़ोरदार राजनीति शुरू हो गई है. 

नाबालिग आरोपी के दादा, सुरेंद्र अग्रवाल के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से संबंध होने की जानकारी सामने आई है. अजय भोसले नाम का एक शख़्स बता रहा है कि संपत्ति विवाद में उसकी हत्या की कोशिश की गई थी. मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा है. जिस तरह इस बार पुणे पुलिस सवालों के घेरे में है. साल 2007-2008 में उस मामले में भी पुणे पुलिस पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठे थे.

एक के बाद एक हो रहे हैं खुलासे
18 मई को  जब पुणे में हुए रोडरेज मामले के बाद नाबालिग आरोपी को वीआईपी ट्रीटमेंट मिला, तो उसके बाद कई कड़ियां सामने आने लगीं. छोटा राजन से जब अग्रवाल परिवार के संबंधों का पता चला तो यह साफ हो गया कि इस परिवार की पकड़ सिर्फ पुणे पुलिस तक ही नहीं, बल्कि अंडरवर्ल्ड तक है. उस समय इस केस में भी पुणे पुलिस सवालों के घेरे में थी, क्योंकि आम तौर पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े मामलों में महाराष्ट्र पुलिस मकोका के तहत एफआईआर दर्ज करती है. लेकिन इस केस में आईपीसी के तहत सिर्फ सामान्य धाराएं लगाई गईं. सुरेंद्र अग्रवाल की चार्जशीट फाइल होने तक तो गिरफ्तारी भी नहीं हुई. बाद में जब छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद उसके सभी मामले सीबीआई को ट्रांसफर किए गए, तो अग्रवाल से जुड़ा ये केस भी उसमें शामिल था.

इस घटना के बाद जयंत पाटिल के भतीजे और शरद पवार गुट के नेता प्राजक्त तनपुरे की पत्नी सोनाली तनपुरे द्वारा सोशल मीडिया पर किया पोस्ट भी चर्चा में है. इस पोस्ट से सोनाली तनपुरे ने उस नाबालिग लड़के के बारे में अहम खुलासा किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है:-

कल्याणीनगर में हुए कार हादसे के बाद एक बार फिर वो बातें याद आ गईं. संबंधित घटना वाला लड़का मेरे बेटे के साथ एक ही कक्षा में पढ़ता था. उस समय मेरे बेटे को उनमें से कुछ से बहुत कष्ट हुआ.  मैंने इन बच्चों की शिकायत उनके माता-पिता से की. लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई. अंततः इन बच्चों की हरकत के कारण बेटे का स्कूल बदलना पड़ा. उन घटनाओं का बुरा असर आज भी दिमाग पर है. यदि समय रहते बुरी प्रवृत्ति वाले बच्चों पर ध्यान दिया गया होता तो शायद इतना भयानक अपराध नहीं होता. परिवारों को न्याय मिलना चाहिए.

राहुल गांधी के बयान के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तेज
राहुल गांधी के एक्स पर किए गए पोस्ट के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप की शुरुआत हो गयी है. राहुल गांधी ने लिखा है कि “ट्रक,बस,ओला उबर ड्राइवर को दस साल की सज़ा मिलती है अगर उनकी गाड़ी से टकरा कर कोई मरे, पर वहीं दो लोगों को मारने वाले अमीर नाबालिग को निबंध लिखने कहा जाता है, ट्रक,बस ड्राइवर से भी निबंध लिखवाइये.” 

देवेंद्र फ़डणवीस ने राहुल गांधी पर बोला हमला
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के बयान को लेकर निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि पुणे मामले में राहुल गांधी द्वारा राजनीतिकरण करना गलत है. पुणे पुलिस ने कार्रवाई की, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने जो निर्णय दिया था उसपर तो हमने भी आश्चर्य व्यक्त किया, लेकिन पुलिस रुकी नहीं वापिस अपील दाखिल की, ऊपरी अदालत ने संज्ञान लिया, वापस से रिव्यू पेटिशन दाखिल है, सुनवाई चल रही है, नाबालिग को शराब पिलाने वाले और गाड़ी देने वाले पिता सभी को गिरफ़्तार किया जा चुका है.  राहुल गांधी द्वारा इसका राजनीतीकरण किया जाना सरासर ग़लत बात है. 

NCP अजीत पवार गुट के स्थानीय विधायक पर उठे सवाल
राज्य सरकार में सहयोगी दल NCP अजीत पवार गुट के स्थानीय विधायक सुनील टिंगरे पर भी खूब सवाल उठ रहे हैं, विपक्ष आरोप लगा रहा है कि उन्हीं के कहने पर पुलिस ने नाबालिग आरोपी को थाने के अंदर VVIP ट्रीटमेंट मुहैया कराया था. उसे पिज्जा-बर्गर तक खिलाए गए थे. NCP शरद पवार गुट के नेता और पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने पोस्ट में सीधे फडणवीस से इस्तीफ़े की मांग की है.

अनिल देशमुख लिखा है कि देवेन्द्र जी, अभी कुछ दिन पहले ही आपने कहा था कि अगर गाड़ी के नीचे कुत्ता भी आ गया तो विपक्ष इस्तीफे की मांग करेगा...आज गरीब परिवार के दो बच्चें अमीर की कार के नीचे कुचल दिये गये, और जिसने ये दोनों जाने ली उसे आपके सिस्टम ने पिज्जा बर्गर खिलाया, दस घंटे के भीतर उसकी जमानत भी करवा दी (वो भी रविवार के दिन) देवेन्द्र जी, अब आप ही बताइए कि हम गृह मंत्री का इस्तीफा क्यों नहीं मांगे.

अनिल देशमुख अपना कार्यकाल भूल गए: राम कदम
बीजेपी नेता राम कदम ने कहा है कि फ़डणवीस जी ने ख़ुद पुलिस को लेकर आरोपी पर शिकंजा कसने के लिये कई निर्देश दिये, लेकिन 100 करोड़ की वसूली करने वाले पूर्व गृह मंत्री(अनिल देशमुख) को क्या हमसे सवाल करने का नैतिक अधिकार है? पैसे वाले बिल्डर जो आरोपी थे उनको कोविडकाल के दौरान पिकनिक पर जाने के लिए पुलिस आपने ही दिये थे, भूल गए क्या आप?  सभी राजनेताओं दलों को पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के बारे में सोचते हुए एकसाथ आना चाहिए, सियासत नहीं करना चाहिए” 

इस मामले में जांच की दिशा अब भले ही रास्ते पर लाने की कोशिश हो रही हो लेकिन शुरुआती ग़लतियां इतनी भारी रहीं की मामले में सियासत होनी ही थी. एक एक कर पुराने तार और उसे मिला सरकारी संरक्षण और किरकिरी मचा रहे हैं. 

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