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This Article is From Apr 15, 2024

नक्सलियों का पता बताओ, पुलिस में नौकरी पाओ, छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में प्रशासन ने शुरू की नयी पहल

पुलिस की तरफ से इस ऑफर के प्रचार-प्रसार के लिए हर तरह के उपाय किए जा रहे हैं. जंगलों में पर्चे बांटे जा रहे हैं तो बॉर्डर इलाके के गांवों में मोबाइल पर मैसेज भी भेजे जा रहे हैं.

नक्सलियों का पता बताओ, पुलिस में नौकरी पाओ, छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में प्रशासन ने शुरू की नयी पहल
रायपुर:

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सल समस्या के समाधान के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जाते रहे हैं. अब कबीरधाम जिले में प्रशासन की तरफ से युवाओं के लिए एक नया ऑफर लाया गया है. ऑफर के तहत जो भी नक्सलियों के बारे में जानकारी देगा उसे पुलिस में नौकरी दी जाएगी. कबीरधाम के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने कहा कि किसी की गिरफ्तारी या फिर सूचना पर मुठभेड़ होगा तो सूचना देने वालों को ₹500000 नगद दिया जाएगा. माओवादियों  के लिए शासन द्वारा अलग से भी इनाम घोषित किया गया है, उस इनाम के अलावा उन्हें पुलिस में नौकरी भी दी जाएगी. 

पुलिस की तरफ से हो रहे हैं प्रचार-प्रसार
पुलिस  की तरफ से इस ऑफर के प्रचार-प्रसार के लिए हर तरह के उपाय किए जा रहे हैं. जंगलों में पर्चे बांटे जा रहे हैं तो बॉर्डर इलाके के गांवों में मोबाइल पर मैसेज भी भेजे जा रहे हैं. एसपी ने कहा कि  ग्रामीणों की मदद से नक्सलियों का सफाया किया जाएगा. सभी अंदरूनी गांव में पुलिस खेल समिति और पुलिस सेल्फ डिफेंस कमेटी बनाई गई है. उन सभी को प्रोत्साहन देने के लिए यह योजना लाई गई है. 

कबीरधाम जिले में नक्सलियों की सक्रियता की है आशंका
नक्सलियों  के लिए सबसे सेफ जाेन माने जाने वाले बस्तर में फोर्स के बढ़ते दबाव के बाद अब नक्सल संगठन ने अपना नया ठिकाना एमएमसी कॉरिडोर यानि कि महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों को बनाया है. कबीरधाम जिले में नक्सलियों की भोरमदेव और बोड़ला एरिया कमेटी सक्रिय है, जो तेजी से विस्तार कर रही है. पुलिस की तरफ से इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है. 

क्या पुलिस दे पाएगी सुरक्षा? 
कबीरधाम पुलिसपुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान में मदद करने वालों को बड़ा ऑफर तो दिया है, लेकिन सवाल यह है कि मदद करने वालों को किस नियम के तहत नौकरी दी जाएगी. साथ ही ऐसे लोगों की सुरक्षा और गोपनियता बरकारार रखने के लिए सरकार के पास क्या प्लान है. इस सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि जो भी व्यक्ति नक्सल अभियान में पुलिस की मदद करता है उसको पुलिस अधीक्षक के रिकमेंडेशन पर आईजी आरक्षक पद पर सीधा भर्ती कर सकते हैं. उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी. नगद में उन्हें 5 लाख का इनाम दिया जाएगा और यदि वह चाहेंगे तो पुलिस में भर्ती होंगे. वह पुलिस फोर्स का हिस्सा होंगे उनके परिवार को जरूरत पड़ने पर नक्सली क्षेत्र में सुरक्षा भी दी जाएगी. 

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