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This Article is From Sep 11, 2022

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने BJP प्रदेश अध्यक्ष को थमाया कानूनी नोटिस, पूछा- हमने कब बनाया था रामसेतु तोड़ने का खाका?

कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कोई हलफनामा नहीं दिया है, जिसमें भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया गया हो. कांग्रेस पार्टी ने कभी भी श्रीराम सेतु को तोड़ने का कोई खाका तैयार नहीं किया था और श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा भी कभी नहीं किया था.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने BJP प्रदेश अध्यक्ष को थमाया कानूनी नोटिस, पूछा- हमने कब बनाया था रामसेतु तोड़ने का खाका?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने लीगल नोटिस पर मीडिया को जानकारी दी.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को लीगल नोटिस भेजकर कहा है कि वो 15 दिनों के अंदर बताएं कि भगवान राम काल्पनिक हैं. अरुण साव ने 20 अगस्त को कहा था कि कांग्रेस भगवान राम को काल्पनिक बताती रही है और रामसेतु तोड़ने का खाका तैयार किया था. नोटिस में कहा गया है कि अगर अरुण साव अपने बयान के समर्थन में 15 दिनों में तथ्यात्मक जवाब नहीं दे पाए तो कांग्रेस उनपर कानूनी कार्रवाई करेगी.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने लीगल नोटिस पर जानकारी देते हुए कहा कि 20 अगस्त 2022 को विभिन्न समाचार पत्रों में अरुण साव का वक्तव्य छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘श्रीराम और श्रीकृष्ण निस्संदेह सबके हैं लेकिन कांग्रेस के वे कभी नहीं हो सकते. अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि उनकी पार्टी ने ऊपरी अदालत में बाकायदा हलफनामा देकर  श्रीराम को काल्पनिक बताया था. ये वही लोग हैं जिन्होंने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था, जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कर दिया था.'' 

शुक्ला ने कहा कि अरुण साव के अनर्गल और तथ्यहीन वक्तव्य से कांग्रेस पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों  को बहुत वेदना हुई थी. इस संबंध में पार्टी के विधि विभाग के विजय कुमार राठौर ने अपने अधिवक्ता डॉ. देवा देवांगन के माध्यम से अरुण साव को नोटिस भेजा है.

कांग्रेस के नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी जो कि भारत की एक रजिस्टर्ड पार्टी है, जिसमें सभी समुदाय और धर्म के लाखों लोग सदस्य हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सदस्यों की आस्था को चोट पहुंचाने वाले वक्तव्य देने का अधिकार आप को नहीं है. नोटिस में कहा गया है कि जनवरी 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का अध्यादेश लाया था जिसका विरोध जनता पार्टी ने उस समय किया था.

नोटिस में कांग्रेस पार्टी के सवाल:

1. कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में कब तथा किस तारीख और सन् को हलफनामा दिया है, जिसमें भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया गया?

2. राम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कब तथा किस तारीख को किस सन् में किया गया था? 

3. श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा किस सन् में कब तथा किस तारीख को किया गया था?
      
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कोई हलफनामा नहीं दिया है, जिसमें भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया गया हो. कांग्रेस पार्टी ने कभी भी श्रीराम सेतु को तोड़ने का कोई खाका तैयार नहीं किया था और श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा भी कभी नहीं किया था. शुक्ला ने कहा कि अरुण साव का बयान कांग्रेस की छवि धूमिल करने वाला है.

उन्होंने कहा कि अरुण साव का वक्तव्य आईपीसी की धारा 195, 499, 500 के अंतर्गत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. उधर, कांग्रेस के लीगल नोटिस पर भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख नरेश गुप्ता ने कहा कि कथित लीगल नोटिस का भाजपा उचित मंच पर जवाब देगी. गुप्ता ने कहा कि राजनीतिक रूप से किसी भी मंच पर जवाब देने में अक्षम, डूबती कांग्रेस अब ऐसे बचकानी नोटिसों में अपना सहारा तलाश रही है. उसका जवाब उचित माध्यमों से दिया जाएगा.

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