ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर छत्रसाल स्टेडियम हत्या मामले में जमानत दिए जाने का अनुरोध किया. कुमार ने अदालत में आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है और उनकी ‘‘दोषपूर्ण छवि'' पेश की है. कुमार ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर पूर्व जूनियर नेशनल कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ और उनके दोस्तों पर कथित रूप से संपत्ति विवाद को लेकर स्टेडियम में इस साल मई में हमला किया था . बाद में धनखड़ ने दम तोड़ दिया . अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद मंगलवार को जमानत की अर्जी पर सुनवाई करेंगे.
पीड़ित और शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नितिन वशिष्ठ ने कहा कि कुमार को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना अभी बाकी है और कुमार के साथ मिलकर वे लोग गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
जेल में पिछले दो जून से बंद अंतरराष्ट्रीय पहलवान ने अदालत से राहत दिए जाने का अनुरोध करते हुए यह कहा कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उनके खिलाफ जो आरोप लगाये गए हैं इसका मकसद उन्हें अपमानित करना और उनकी छवि को धूमिल करना है.
एक याचिका में उन्होंने कहा कि एक उभरते पहलवान की ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण मौत'' को सनसनीखेज बनाया गया और कुछ लोगों ने निहित स्वार्थों के कारण उसका इस्तेमाल उनके खिलाफ किया. ओलंपियन ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस ने उनकी ‘‘झूठी और गलत छवि'' पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पुलिस ने उनके और कुख्यात बदमाश के बीच संपर्क दिखाने के लिए मीडिया को झूठी जानकारी दी.
अधिवक्ता प्रदीप राणा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि चार्जशीट दाखिल करने के बाद जांच एजेंसी द्वारा किए गए सभी दावे असत्य हैं और हकीकत में उनका कोई आधार नहीं है.
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