सदियों से चली आ रही परंपरा को जीवित रखने के लिये अब अमरनाथ यात्रा की प्रतीक छड़ी मुबारक को अब हेलिकाप्टर से अमरनाथ गुफा तक पहुंचाया जाएगा. इसी के साथ ही अमरनाथ यात्रा का समापन होगा. घाटी में मौजूदा हालात को देखते हुए कश्मीर की राज्यपाल शासन ने ये फैसला लिया है. पवित्र ‘छड़ी मुबारक' कल यानि शनिवार को निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पहलगाम नहीं पहुंच सकी. श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा से 14 अगस्त को पवित्र छड़ी मुबारक अब हेलीकाप्टर के जरिए ही पवित्र गुफा पहुंचेगी लेकिन गुफा में पवित्र छड़ी मुबारक का प्रवेश 15 अगस्त रक्षाबंधन की सुबह होगा. सरकार ने ये फैसला घाटी में तनाव के मद्देनजर किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए लिया है. इसके लिये सरकार के नुमाइंदों ने छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी से बैठक भी की. मंहत के अनुसार छड़ी मुबारक की रवानगी 14 अगस्त तक रोक जा सकता है, लेकिन इसका पवित्र गुफा में पहुंचना अनिवार्य है.
घाटी से निकलने लगे अमरनाथ यात्री और पर्यटक, वायुसेना के विमानों को भी लगाया गया
गौरतलब है कि इस साल श्री अमरनाथ यात्रा एक जुलाई को शुरू हुई थी, लेकिन प्रशासन ने कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर दो अगस्त को रोक दिया जबकि पहले ये यात्रा 15 अगस्त को संपन्न होनी थी. इसके बावजूद इस साल देश भर से करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने हिमलिंग के दर्शन किए थे. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए सरकार ने 45 हजार सुरक्षाबलों को तैनात किया था. साथ ही अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तुरंत राज्य छोड़ने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया था.
अमरनाथ के बाद रद्द हुईं 2 और धार्मिक यात्राएं, घाटी के नागरिक परेशान
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