वर्ष 2017 में अमरनाथ यात्रा सात अगस्त को श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी (फाइल फोटो).
जम्मू:
चालीस दिन चलने वाली वाषिर्क पवित्र अमरनाथ यात्रा इस साल 29 जून से शुरू होगी. पिछले साल अमरनाथ यात्रा 10 दिन कम यानी केवल 48 दिनों तक ही चली थी.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने निर्णय लिया है कि यात्रा 29 जून से शुरू होगी और सात अगस्त को श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी.’ जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एवं एसएएसबी के अध्यक्ष एनएन वोहरा ने नई दिल्ली में श्राइन बोर्ड की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की.
श्रद्धालुओं के लिए खोली गई वैष्णोदेवी मंदिर की पुरानी गुफा
पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए तीर्थयात्रा की खातिर यात्रियों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है. यह पंजीकरण बालटाल और चंदनवाड़ी दोनों मार्गों से अमरनाथ गुफा जाने के लिए तय बैंकों की शाखाओं और डाकघरों के माध्यम से होता है, जिसकी अधिसूचना श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड जारी करती है.
वाषिर्क अमरनाथ यात्रा के क्रम में पारंपरिक पूजा अर्चना के लिए भगवान शिव की छड़ी मुबारक को श्रीनगर हरी पर्वत पर स्थित प्राचीन शरिका भवानी मंदिर भी ले जाया जाता है. इस यात्रा का समापन पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक के पहुंचने के साथ होता है.
इस मंदिर में 1600 किलो देसी घी और मक्खन से बनी देवी प्रतिमा, आज से दर्शन शुरू
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कश्मीर में जारी अशांति के चलते पिछले वाषिर्क अमरनाथ यात्रा कई बार निलंबित कर दी गई थी.
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एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने निर्णय लिया है कि यात्रा 29 जून से शुरू होगी और सात अगस्त को श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी.’ जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एवं एसएएसबी के अध्यक्ष एनएन वोहरा ने नई दिल्ली में श्राइन बोर्ड की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की.
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पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए तीर्थयात्रा की खातिर यात्रियों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है. यह पंजीकरण बालटाल और चंदनवाड़ी दोनों मार्गों से अमरनाथ गुफा जाने के लिए तय बैंकों की शाखाओं और डाकघरों के माध्यम से होता है, जिसकी अधिसूचना श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड जारी करती है.
वाषिर्क अमरनाथ यात्रा के क्रम में पारंपरिक पूजा अर्चना के लिए भगवान शिव की छड़ी मुबारक को श्रीनगर हरी पर्वत पर स्थित प्राचीन शरिका भवानी मंदिर भी ले जाया जाता है. इस यात्रा का समापन पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक के पहुंचने के साथ होता है.
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उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कश्मीर में जारी अशांति के चलते पिछले वाषिर्क अमरनाथ यात्रा कई बार निलंबित कर दी गई थी.
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