मदद का जज्बा हो तो कोई बाधाएं आपका रास्ता नहीं रोक सकतीं.. छत्तीसगढ़ की मुगदली तिर्की (Mugdali Tirki) इसका उदाहरण हैं. 55 वर्षीय सहायक नर्स मुगदली पिछले एक दशक से अधिक समय से छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले (Chattisgarh's Surguja District) के सूर गांव (Soor village) के लोगों को बुनियादी सेवाएं प्रदान कर रही हैं. ग्रामीणों ने बताय कि दुर्गभ और जंगली जानवरों वाले इलाके में मुगदली तिर्की गांव वालों को दवा सहित जरूरत की तमाम चीजें प्रदान कर रही हैं.
मुगदली ने ANI से बातचीत में बताया, "मैं उन्हें सप्ताह में दो बार आता हूं, कभी-कभी इससे भी ज्यादा बार जब उन्हें मेरी जरूरत होती है. इलाके में थोड़ी मुश्किल है और जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है लेकिन मैं अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती हूं. मेरे लिए यात्रा करना मुश्किल है, इसलिए मैं पास के पुरुष कर्मचारियों से मदद करने के लिए कहती हूं., "उसने एएनआई को बताया।
एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया, "हमें जो कुछ भी चाहिए, वह बिना मांगे हमारे लिए लेकर आती हैं. वह बच्चों के लिए दलिया और सूजी लाती हैं. जब भी उन्हें पता चलता है कि गांव में कोई बीमार है तो वह दवाई लाती हैं. यही नहीं जब बीमारी गंभीर किस्म की होती है तो वे हमें अस्पताल भी ले वह हमें ले अस्पताल भी ले जाती हैं.'' अपने सेवाभाव के कारण गांव वालों का दिल जीत चुकीं मुगदली तिर्की ने कहा, "मैं एक दाई भी हूं. मैंने यहां कई शिशुओं की डिलीवरी में मदद की है. मैं लंबे समय से यहां के लोगों की सेवा कर रही हूं. कोरोना वायरस की महामारी के दौरान जारी लॉकडाउन के समय भी मैंने यहां आना नहीं छोड़ा,"
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