
Chardham Yatra Registration: गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ... इन चारों धामों की यात्रा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. उत्तराखंड में स्थित इन चारों धामों की यात्रा पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. चार धाम यात्रा के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इस साल चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पिछली बार की यात्रा से सबक लेते हुए इस बार की यात्रा में पिछली बार की गलतियां ना हो इसलिए सारी पुख्ता तैयारी पहले से ही कर ली गई है.
चार धाम यात्रा में भीड़ का मैनेजमेंट करने के लिए सरकार ने इस बार ऑनलाइन पंजीकरण और ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है. जिसमें 60% ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा और ऑफलाइन पंजीकरण 40% रहेगा. चार धाम यात्रा के लिए 20 मार्च 2025 से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया गया है.
मालूम हो कि उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है. 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे. इसके अलावा 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे.
चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को इन बातों का रखना होगा ध्यान
पंजीकरण के दौरान सही मोबाइल नंबर दर्ज करें.
- धामों में दर्शन टोकन अवश्य प्राप्त करें.
- यात्रा के दौरान ऊनी कपड़े, छतरी, रेनकोट आदि साथ रखें.
- वरिष्ठ नागरिक यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं.
- पंजीकरण प्रक्रिया में सटीक जानकारी दर्ज करें.
- हेली यात्रा के लिए टिकट वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in पर बुक करें.
- हेली टिकट प्रदान करने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों से बचें.
- धामों में दर्शन कराने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों से बचें.
- यात्रा के दौरान जरूरी दवाएं अपने पास रखें.
- यात्रा मार्ग पर गंदगी न फैलाएं.
- वाहन की गति नियंत्रित रखे और उचित स्थान पर पार्क करें.
- अस्वस्थ महसूस करने पर यात्रा टाल दें.
यात्रा के पहले महीने में वीआईपी दर्शन पर रोक
इसके अलावा यात्रा के पहले महीने में VIP दर्शनों पर रोक लगाई गई है. इसके लिए उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से भेज दी है. उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php पर आधार कार्ड के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं.
बिना पंजीकरण कराए नहीं कर सकेंगे दर्शन
उत्तराखंड सरकर ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करावाना अनिवार्य है. इसके बाद श्रद्धालु पंजीकृत तिथि पर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे. वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है.
पिछले साल 46 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए थे दर्शन
पंजीकरण के बाद धामों में पहुंचने पर श्रद्धालु टोकन प्राप्त कर समय अनुसार भगवान के दर्शन कर सकेंगे. इसलिए हाथ से श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए घंटों इंतजार नहीं करना होगा. चार धाम यात्रा में भीड़ प्रबंधन के लिए इस बार यात्रा मार्गों पर राज्य सरकार ने 10 हजार श्रद्धालुओं के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की. क्योंकि पिछले साल 46 लाख से ज्यादा अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे.
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