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This Article is From May 23, 2024

आपबीती : 'हैलो मुझे केदारनाथ जाना है, रजिस्ट्रेशन के बिना हरिद्वार में फंसा हूं, हेल्प कीजिए'

केदारनाथ में हर दिन 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. पिछले साल इस सीजन में यह संख्या करीब 24 हजार के करीब थी. तीर्थयात्रियों को नियंत्रित करने के लिए रजिस्ट्रेशन को सख्ती से चेक किया जा रहा है.

आपबीती : 'हैलो मुझे केदारनाथ जाना है, रजिस्ट्रेशन के बिना हरिद्वार में फंसा हूं, हेल्प कीजिए'
केदरानाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन कराने में भी हो रही है दिक्कत
नई दिल्ली:

हमें बद्रीनाथ और केदारनाथ दर्शन के लिए जाना है, एक साथी का रजिस्ट्रेशन है, बाकी दो का नहीं है, कुछ हेल्प कर दीजिए? त्रिपुरा से चारधाम यात्रा के लिए हरिद्वार पहुंचे दोस्त के एक परिचित गौरव डे ने फोन पर गुजारिश की. तीनों दो दिन से हरिद्वार में फंसे हुए हैं. त्रिपुरा से जब वह निकले थे, तो उन्हें उम्मीद थी कि काम बिना रजिस्ट्रेशन के चल जाएगा. या फिर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. लेकिन हरिद्वार पहुंचने के बाद रजिस्ट्रेशन बेहद सख्ती से लागू होने से अब तीनों हरिद्वार और ऋषिकेश में भटक रहे हैं.

गौरव बताते हैं कि उन्हें ऋषिकेश जाना था, लेकिन ट्रेन में यात्रियों ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन चारधाम यात्रा की इजाजत नहीं है. ऋषिकेश के ऊपर हर जगह चेकिंग हो रही है. इसके बाद वह हरिद्वार में ही उतर गए.वह ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार के रामलीला मैदान पहुंचे. वहां स्टाफ ने बताया कि सात बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. जब वह दोबारा पहुंचे तो बताया गया कि 20 तारीख के बाद से ऑफलाइन बंद है. अब कब खुलेगा कुछ पता नहीं. इसके बाद गुरुवार सुबह ऋषिकेशभी गए, लेकिन वहां भी मायूसी हाथ लगी. वहां बोर्ड पर लिखा हुआ था कि 31 मई तक रजिस्ट्रेशन बंद है.

यह कहानी सिर्फ गौरव और उनके दोस्तों की नहीं है. चारधाम में इस बार तीर्थयात्रियों की इतनी भीड़ पहुंची है, कि उत्तराखंड सरकार की सारी तैयारियां छोटी पड़ गई हैं. ऋषिकेश से ऊपर गाड़ियों का रेला लगा है. जगह-जगह जाम है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, स्थितियां और बिगड़ती हुईं दिखती हैं. सोनप्रयाग से ऊपर केदारनाथ तक हाल यह है कि यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है. 

केदारनाथ की पैदल यात्रा 9 किलोमीटर ज्यादा 

केदारनाथ की 16 किमोलीटर की पैदल यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है. लेकिन इस बार जाम और भीड़ ऐसी है कि यात्रियों को 25 किलोमीटर तक की पैदल यात्रा करनी पड़ी रही है. बुधवार को तो रामपुर से गौरीकुंड तक हालात खराब रहे. प्रेशर कितना ज्यादा इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि रामपुर, सीतापुर और सोनप्रयाग में 2 हजार गाड़ियों की पार्किंग हो सकती है. लेकिन यहां हर दिन 4 हजार से ज्यादा गाड़ियां पहुंच रही हैं. 

निजी और बिना रजिस्टर्ड वाहन भी यात्रा में 

भीड़ के इस रेले को बढ़ाने का काम निजी वाहन भी कर रहे हैं. हरिद्वार और ऋषिकेश से बड़ी संख्या में चोरी-छिपे बिना रजिस्ट्रेशन वाले और निजी वाहन यात्रियों को लेकर निकल रहे हैं. पुलिस अभी अब इसको लेकर अलर्ट है. ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है.

केदारनाथ में हर दिन 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. पिछले साल इस सीजन में यह संख्या करीब 24 हजार के करीब थी. तीर्थयात्रियों को नियंत्रित करने के लिए रजिस्ट्रेशन को सख्ती से चेक किया जा रहा है. रुद्रप्रयाग में आला अधिकारियों को मोर्चे पर लगाया गया है. जिन यात्रियों के पास रजिस्ट्रेशन नहीं है, उन्हें लौटाया जा रहा है. चोरी-छिपे जो यात्री आगे निकल रहे हैं, उनका रजिस्ट्रेशन गौरकुंड चौकी पर चेक किया जा रहा है.

रजिस्ट्रेशन नहीं, तो बीच में रोक लिए जाएंगे

रजिस्ट्रेशन न होने से कई यात्रियों को बिना दर्शन के ही वापस लौटना पड़ा है. सरकार ने सभी यात्रियों को बुधवार को भी सलाह दी कि वे बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा न करें. रजिस्ट्रेशन वाली तारीख पर ही चारधाम यात्रा करें. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. इसके बिना यात्रा की इजाजत नहीं है. जिन यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, उन्हें चेक पॉइंट पर आगे नहीं जाने दिया जाएगा.टूर ऐंड ट्रैवल्स वालों को भी साफ कह दिया गया है कि रजिस्ट्रेशन के बिना आगे न जाएं.

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