
रविवार की रात चंद्रग्रहण लगने वाला है, जो भारत समेत कई जगहों पर दिखेगा. ये अपने आप में अनोखी खगोलीय घटना है, जो कई मायनों में अन्य चंद्रग्रहणों से अलग है. चंद्रग्रहण को लेकर अलग-अलग सभ्यता और संस्कृतियों में अनेक मान्यताएं और कहानियां प्रचलित हैं, जो खगोलीय घटना को वैज्ञानिक नहीं बल्कि धार्मिक, रहस्यमय या सांस्कृतिक नजरिए से देखती हैं. अब जैसे कि भारतीय सनातन परंपरा में चंद्रग्रहण को राहु-केतु की पौराणिक कथा से भी जोड़ा जाता है. मान्यता है कि एक राक्षस (स्वरभानु) का सिर राहु बनकर चंद्रमा को निगलता है, जिससे ग्रहण होता है. चंद्रग्रहण में खासकर ब्लड मून की स्थिति में गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी रखी जाती है. ग्रहण के दौरान शुभ कार्य, पूजा-पाठ वगैरह भी नहीं होते. हालांकि सनातन से उलट इस्लामिक मान्यता में इसे अशुभ नहीं माना जाता. और भी अलग-अलग सभ्यताओं में चंद्रग्रहण को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं.
चीन: क्या ड्रैगन निगल जाता है चांद को?
प्राचीन चीन में ग्रहण को दिव्य संकेत और सम्राट के भविष्य से जोड़कर देखा जाता था. वहां ऐसी मान्यता थी कि कोई बड़ा अजगर या ड्रैगन चंद्रमा को निगल जाता है. ग्रहण के समय लोग ढोल बजाकर आवाज करते थे ताकि अजगर या ड्रैगन डरकर चंद्रमा को छोड़ दे और वो लौट आए.
दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका
दक्षिण अमेरिकी इंका सभ्यता में सूर्यग्रहण को लेकर ये मान्यता थी कि ग्रहण सूर्य देवता की अप्रसन्नता और क्रोध का प्रतीक है और इसे शांत करने के लिए विशेष बलि दी जाती थी. मूल अमेरिका की ओजिब्वा जनजातियों की कथा में ग्रहण को आत्माओं की चेतावनी और संतुलन बिगड़ने का संकेत माना गया. वहीं, पश्चिम अफ्रीका के टोगो-बेनिन क्षेत्र में ग्रहण को सूर्य और चंद्रमा का आपसी झगड़ा माना गया, और इस समय लोग पुराने मतभेदों को सुलझाकर शांति बढ़ाते हैं.

यूरोपीय, नॉर्स और इटली
प्राचीन यूनान-यूरोप में ग्रहण को देवताओं के क्रोध और आने वाली बुरी घटनाओं का संदेश माना जाता था. नॉर्स (स्कैंडिनेवियाई) मान्यता के अनुसार दो विशाल भेड़िए, स्कोल और हाती, चंद्रमा और सूर्य का पीछा करते हैं और इनके पकड़ने पर ही ग्रहण लग जाता है. इटली में मान्यता है कि ग्रहण के दौरान लगाए गए फूल साल के किसी भी अन्य समय में लगाए गए फूलों की तुलना में अधिक चमकीले और रंगीन होते हैं.
इस्लामिक मान्यता
इस्लाम में ग्रहण एक धार्मिक घटना है, जिस दौरान नमाज पढ़ने और दुआ करने का विधान है. इसे अशुभ नहीं माना जाता, बल्कि ऊपरवाले की महानता का स्मरण कराने वाला समय माना जाता है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
आधुनिक विज्ञान के मुताबिक, ग्रहण महज एक खगोलीय घटना है. चंद्रग्रहण के दौरानपृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे उसका रंग बदल जाता है या अंधेरा पड़ जाता है.
ये भी पढ़ें: भूरा, नारंगी और फिर लाल हो जाएगा चांद... आज रात साढ़े 5 घंटे में दिखेंगे ये 5 अद्भुत संयोग!
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं