विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Aug 14, 2018

केंद्र सरकार ने 2014 से अब तक सोशल मीडिया के जरिये सात बार लोगों की जासूसी करने की कोशिश की

पड़ताल में पता चला है कि सरकार ने 2014 से 2018 के बीच कुल 7 बार ऐसा करने की कोशिश. इसके लिए बकायदा निजी फर्म से संपर्क भी किया गया.

केंद्र सरकार ने 2014 से अब तक सोशल मीडिया के जरिये सात बार लोगों की जासूसी करने की कोशिश की
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बीते चार सालों में सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों की जासूसी कराने की कोशिश की. इसका खुलासा एनडीटीवी की पड़ताल में हुआ है. पड़ताल में पता चला है कि सरकार ने 2014 से 2018 के बीच कुल 7 बार ऐसा करने की कोशिश. इसके लिए बकायदा निजी फर्म से संपर्क भी किया गया. इसी साल मई मे आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने 25 अप्रैल 2018 को एक ऐसा ही टेंडर निकाला था जिसे सुप्रीम कोर्ट के हस्तेक्षेप के बाद रद्द कर दिया गया.
 
olaa3h6o
 
6662i8v

यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथिरिटी ऑफ इंडिया द्वारा सोशल मीडिया को मॉनिटर करने के लिए इसी तरह के एक प्रयास 18 जुलाई 2018 को सभी के सामने आया. हालांकि इस कोशिश को भी सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया. इस मामले की पहली सुनवाई इसी शुक्रवार को पूरी गई गई है.गौरतलब है कि एनडीटीवी ने अपनी जांच में पाया कि इस तरह के फर्म से केंद्र सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद ही संपर्क करना शुरू कर दिया था. इसे लेकर पहला टेंडर 1 दिसंबर 2014 को निकाला गया. यह टेंडर विदेश मंत्रालय ने जारी किया था. और इसके साथ ही स्पेशल मीडिया मॉनिटरिंग फोल्डर बनाने की भी बात कही गई थी. 
 
b7dats4g


जबकि दूसरा टेंडर 3 दिसंबर 2015 को निकाला गया. इस बार टेंडर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी किया था. इसमें व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट और यूजर की मॉनिटरिंग करने को कहा गया था.

 
0vsmc87


इसी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आगे चलकर दो और टेंडर जारी किए. पहला टेंडर 5 फरवरी 2016 और दूसरा 10 जुलाई 2017 को जारी किया गया. 5 फरवरी को जारी किए गए टेंडर में लिसनिंग टूल जबकि 10 जुलाई के टेंडर में सोशल मीडिया पर चल रहे ओवर ऑल ट्रेंड्स को ट्रैक करने की बात कही गई.
 
jghb510o
 
37agasao


जबकि 16 मई 2016 को जारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के टेंडर निगेटिव सेंटिमेंट्स को न्यूट्रलाइज करने को कहा गया था.
 
6r25b52o

खास बात यह है कि जब एनडीटीवी ने इन टेंडर को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से संपर्क किया तो मंत्रालय के मीडिया एंड कम्यूनिकेशन डिविजन के डिप्टी डायरेक्टर अरुण कुमार ने कहा कि हम आपके सवालों को वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा देंगे और अगर उन्होंने इन सवालों पर कोई जवाब दिया तो इसकी सूचना आपको दे दी जाएगी. जानकारों का कहना है कि हालांकि अब सरकार खुदको पीछे कर लिया है लेकिन इसके बावजूद भी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सरकान ने बड़े स्तर पर लोगों की जासूसी कराने की कोशिश की.


इंटरनेट पॉलिसी की जानकार अंबा काक ने कहा कि इस तरह का एक उपकरण निश्चित रूप से सभी के सोशल मीडिया खातों का सर्वेक्षण करता है, लेकिन दो बड़े प्रश्न हैं. पहला तो यह कि वह इसे कैसे करते. खासकर तब जब अगर वो आम लोगों के निजी पोस्ट को देखते. अगर वह ऐसा करते तो निश्चित तौर पर वह सोशल मीडिया सर्विस के नियमों का उल्लंघन करते.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
देश के इन राज्‍यों में जबरदस्‍त बारिश का अनुमान, जानिए आज कहां-कहां है रेड और ऑरेंज अलर्ट
केंद्र सरकार ने 2014 से अब तक सोशल मीडिया के जरिये सात बार लोगों की जासूसी करने की कोशिश की
Budget 2024: चार्ट से समझें कैलकुलेशन - Standard Deduction बढ़ोतरी, Income Tax Slabs में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा
Next Article
Budget 2024: चार्ट से समझें कैलकुलेशन - Standard Deduction बढ़ोतरी, Income Tax Slabs में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;