अभी हाल ही में भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल से बाहर आईं तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता को एक और मामले में केंद्र सरकार से राहत मिल सकती है।
खबर है कि केंद्र की मोदी सरकार दो दशक पहले लगातार दो सालों तक (1991-92 और 1991-93) इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में नाकाम रहने के मामले में जयललिता और आयकर विभाग के बीच कोर्ट से बाहर समझौते कराने पर राजी हो गई है। जयललिता के साथ इस आपराधिक मामले में उनकी करीबी रहीं शशिकला नटराजन भी सहआरोपी हैं।
इससे पहले अगस्त महीने में केंद्र सरकार ने जयललिता के आवेदन पर मामले में समिति गठित की थी, जिसका मतलब है कि सरकार का कर विभाग और जयललिता के बीच बिना कोर्ट की अनुमति और हस्तक्षेप के समझौता हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में समिति ने जयललिता के पक्ष में फैसला दिया है।
आपको बता दें कि लंबे असे से जयललिता का नरेंद्र मोदी से अच्छे संबंध रहे हैं।
इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने 66 साल की नेता और तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री पर टैक्स अपराध मामले में चेन्नई हाईकोर्ट को मुकदमा चलाने का निर्देश दिया था।
जयललिता को अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया है और वह 10 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट उन्हें दोषमुक्त करता है, तभी वह चुनाव लड़ पाएंगी। वह इस बार तीन हफ्तों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर रिहा हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जया से 10 दिसंबर तक अपील से जुड़े सभी दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह जमा करने में नाकाम रहती हैं तो फिर से उन्हें अरेस्ट किया जा सकता है। गिरफ्तारी के बाद जया ने अपने सबसे भरोसेमंद पन्नीरसेल्वम को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया थी।
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