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This Article is From Apr 20, 2016

ऑड-ईवन पर केंद्र और केजरीवाल सरकार आमने-सामने

ऑड-ईवन पर केंद्र और केजरीवाल सरकार आमने-सामने
नई दिल्ली: ऑड-ईवन स्कीम को लेकर केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार आमने-सामने आ गए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे प्रदूषण कम करने का छोटा उपाय बताया और कहा कि ये देखना पड़ेगा कि इससे फायदा कितना हुआ, प्रदूषण कितना कम हुआ और जनता को कितनी तकलीफ हुई।

'चार साल में 90 फीसदी कम हो सकता है प्रदूषण...'
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को दावा किया कि उनके पास ऐसी योजना है, जिससे अगले चार साल में प्रदूषण 90 फीसदी कम हो जाएगा। इसके लिए बस 60,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। सरकार 2020 तक गाड़ियों के लिए भारत 6 मानक जरूरी कर देगी। ऑड ईवन तो एक मामूली योजना है। जावड़ेकर ने कहा, 'लोग छोटे-छोटे उपाय करते रहते हैं...ऑड-इवन है या बाकि कुछ और...हरेक को अपना कार्यक्रम करने का अधिकार है। लेकिन एक गणित करना पड़ेगा कि फायदा कितना हुआ, कितना प्रदूषण कम हुआ, जनता को कितनी तकलीफ हुई और खर्चा कितना हुआ।'

दिल्ली सरकार का पलटवार
दिल्ली सरकार ने जवाब देने में देरी नहीं की। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने एनडीटीवी से कहा कि जनवरी में पहले ऑड-ईवन स्कीम के दौरान दिल्ली के भीतरी हिस्से में प्रदूषण 13 से 20 फीसदी तक कम हुए और इस बार भी नतीजे अच्छे आएंगे।

गोपाल राय ने कहा, 'ये छोटा नहीं, बड़ा फैसला है। उनको केंद्र में सत्ता में आए दो साल हो गए, कई राज्यों में भी वो सत्ता में हैं, लेकिन किसी भी राज्य सरकार की हिम्मत नहीं हुई ऐसा कदम उठाने की जो केजरीवाल ने उठाया है।' वैसे बीजेपी के सांसद विजय गोयल सड़क पर इस योजना का विरोध कर चुके हैं। लेकिन एक केंद्रीय मंत्री की ओर से आई ये राय बताती है कि ऑड-ईवन को लेकर केंद्र का नजरिया कुछ और है।

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