बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण आते-आते निजी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. ताजा हमला भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी और राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ बोला है. उन्होंने शनिवार को प्रचार के दौरान कहा कि तेजस्वी कैबिनेट की सही स्पेलिंग भी नहीं बता सकते.
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चौबे ने कहा, "जो व्यक्ति मुद्दों को सही ढंग से नहीं समझता और 10वीं की परीक्षा भी नहीं पास कर सका, वो योग्य इंजीनियर नीतीश कुमार की आलोचना कर रहा है. तेजस्वी कैबिनेट की स्पेलिंग तक नहीं लिख सकते. उनके पिता ने ही इसी तरह पहली कैबिनेट बैठक में एक लाख नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने जनता से पैसा लिया और नौकरी के आवेदन अभी तक कूड़े के ढेर में पड़े हैं."
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जनता को चौकन्ना रहने की सलाह देते हुए चौबे ने कहा कि कांग्रेस-राजद गठबंधन के लोग गप्पू और पप्पू हैं, जो केवल लप्पू देंगे यानी झूठे वादे करेंगे. जनता को ऐसे वादों को लेकर सतर्क रहना चाहिए. चौबे ने चुनाव आयोग के उस फैसले का भी जिक्र किया, जिसमें भाजपा के मुफ्त कोरोना वैक्सीन के वादे को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं बताया गया है.
मुफ्त वैक्सीन का वादा याद दिलाया
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने आयुष्मान भारत जैसी योजना दी और इसे आगे और बढ़ाएंगे. चौबे के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन का विकास तीसरे चरण में है और इसे जनता के बीच निशुल्क वितरित किया जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सुशासन वाली सरकार ही जनता को अच्छी सुविधा दे सकती है, अन्यथा लूट मच जाएगी. गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी की पढ़ाई को लेकर उन पर निशाना साध चुके हैं. तेजस्वी ने पलटवार कर नीतीश को बेरोजगारी और प्रवासियों के पलायन के मुद्दे पर बोलने की चुनौती दी है.
तेजस्वी ने नीतीश को घेरा
तेजस्वी ने हिन्दी में ट्वीट कर कहा था,"आदरणीय नीतीश जी ने मान लिया है कि पिछले 15 साल के शासन में उन्होंने बिहार में शिक्षा-स्वास्थ्य और उद्योग जगत को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने मौजूदा और भविष्य की पीढ़ी को खत्म कर दिया है. यही वजह है कि वह बेरोजगारी, कारोबार, निवेश और पलायन के मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते हैं. क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए?"
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