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कभी भी अस्थिर हो सकती है केंद्र सरकार, कार्यकर्ता पार्टी के जनाधार को युद्धस्तर पर बढ़ाएं : मायावती

मायावती ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने संविधान बचाने तथा अन्य मुद्दों को लेकर गलत प्रचार करके मतदाताओं को गुमराह किया जिससे बसपा को जबरदस्त नुकसान हुआ है.

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कभी भी अस्थिर हो सकती है केंद्र सरकार, कार्यकर्ता पार्टी के जनाधार को युद्धस्तर पर बढ़ाएं : मायावती
लखनऊ:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र की मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार किसी भी वक्त अस्थिर हो सकती है लिहाजा पार्टी कार्यकर्ता पूरे देश में अपने मिशन से जुड़े लोगों को आगे बढाकर बसपा के जनाधार को युद्धस्तर पर बढ़ाएं.

मायावती ने मीटिंग बुलाई

हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बसपा की पराजय के बाद मायावती ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों, राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई.

पार्टी को मजबूत करें

बैठक में मायावती ने कहा, ‘‘वर्तमान में केंद्र की भाजपा एवं उसकी राजग सरकार पूर्ण रूप से स्थिर नहीं है. उसके कभी भी अस्थिर होने की स्थिति बन सकती है. ऐसे में पार्टी के लोगों को पूरे देश में संगठन में मिशनरी लोगों को आगे करके पार्टी के जनाधार को युद्धस्तर पर बढ़ाना है, ताकि हर स्तर पर पार्टी मजबूत हो सके.''

विपक्षी दलों ने जनता को गुमराह किया

मायावती ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने संविधान बचाने तथा अन्य मुद्दों को लेकर गलत प्रचार करके मतदाताओं को गुमराह किया जिससे बसपा को जबरदस्त नुकसान हुआ है.

जनता को समझना होगा

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव में खासकर गरीब और कमजोर वर्गों के लोग किसी न किसी मुद्दे को लेकर गुमराह हो जाते हैं और अपनी ‘एक मात्र हितैषी' पार्टी बसपा को नुकसान पहुंचाकर उनका ही शोषण करने वाली पार्टी को सत्तासीन करा देते हैं. यह कतई उचित नहीं है. उन्हें बार-बार गुमराह होने की अपनी आदत छोड़नी होगी.''

कांग्रेस ने अंबेडकर को रोका

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा राज में संविधान को खतरा बताने वाली कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिस कांग्रेस ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को भारतीय संविधान सभा में आने से रोकने के लिये तरह-तरह के हथकंडे अपनाये थे, वह उनके द्वारा बनाये गये संविधान को बचाने की बात कैसे कर सकती है?''

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण तथा अन्य जरूरी मुद्दों पर जब बाबा साहेब की बात नहीं मानी, तब उन्होंने हताश होकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

इसके साथ बसपा प्रमुख ने बहुजन समाज के वर्गों को एकजुट होकर अपनी अलग से राजनैतिक पार्टी बनाकर केंद्र और राज्यों की सत्ता भी अपने हाथों में लेने की सलाह दी थी ताकि वे संविधान में दिये गये कानूनी अधिकारों का पूरा लाभ ले सकें.

उन्होंने निकट भविष्य में देश के कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने की हिदायत दी. साथ ही देश के वर्तमान राजनैतिक हालात पर भी चर्चा करते हुये पार्टी के लोगों को सचेत और हमेशा तैयार रहने के लिए भी कहा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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