पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) की मुसीबतें बढ़ने वाली है. बाबरी विध्वंस (Babri demolition) मामले में सीबीआई ने लखनऊ की विशेष अदालत में अर्जी दाखिल कर 87 वर्षीय कल्याण सिंह (Kalyan Singh) को तलब करने की अपील की है. अदालत अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढांचा ढहाने (Babri Masjid Demolition) की साजिश के लिए पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, भाजपा के वरिष्ठ मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती एवं अन्य आरोपियों के मुकदमे की सुनवाई कर रही है. अदालत ने सीबीआई से जानकारी ली कि कल्याण सिंह (Kalyan Singh) क्या अब राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं? अदालत ने कहा कि मामले की कार्यवाही चूंकि दिन प्रतिदिन आधार पर चल रही है इसलिए सीबीआई की अर्जी पर 11 सिंतबर 2019 को सुनवाई हो सकती है.
राष्ट्रपति के इस कदम के बाद कल्याण सिंह पर हो सकती है कार्रवाई?
अर्जी पेश करते हुए सीबीआई ने कहा कि कल्याण सिंह के खिलाफ 1993 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. अभी तक कल्याण सिंह आरोपी के रूप में मुकदमे की कार्यवाही में नहीं लाये जा सके, क्योंकि उन्हें राज्यपाल होने के नाते संविधान के तहत विशेष अधिकार प्राप्त है. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि सीबीआई को इस बात की अनुमति दी थी कि जब कल्याण सिंह राज्यपाल नहीं रहेंगे तो उन्हें आरोपी के रूप में पेश किया जा सकता है.
छह दिसंबर 1992 जब कुछ मिनटों में ही ढहा दी गई थी बाबरी मस्जिद, पढ़ें अयोध्या विवाद का पूरा मामला...
कल्याण सिंह हाल में राजस्थान के राज्यपाल के पद से हटे हैं. सीबीआई ने अपनी अर्जी में कहा कि सिंह तीन सितंबर 2014 को राज्यपाल पद पर नियुक्त हुए थे और उनके पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया है.
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