सीबीआई ने दिल्ली सरकार द्वारा एक हजार लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रारंभिक जांच (Preliminary Enquiry) दर्ज की है. अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जांच दर्ज की गई है. वहीं दिल्ली सरकार ने बस खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सीबीआई का दुरुपयोग कर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है.
इसको लेकर आप और बीजेपी के बीच 'ट्वीटर वॉर' छिड़ गया है. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर 'बस खरीद केस' में क्लीन चिट मिलने का दावा किया, तो बीजेपी के बिजेंदर गुप्ता ने जवाब में 2021 की शिकायत की कॉपी दिखाए.
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा बस खरीद के वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) में भ्रष्टाचार का मामला इस साल मार्च में दिल्ली विधानसभा में भाजपा ने उठाया था. जून में पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने एएमसी की प्रक्रिया में खामियां पाई थी और इसे खत्म करने की सिफारिश की थी.
अधिकारियों ने कहा कि एलजी ने मामले को विचार के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजा था. उन्होंने कहा कि अगर वे प्रथम दृष्टया प्राथमिकी के योग्य अपराध का संकेत देते हैं तो शिकायत में आरोपों का पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच पहला कदम है.
16 अगस्त 2021 में गृह मंत्रालय ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अतिरिक्त सचिव (यूटी) गृह मंत्रालय गोविंद मोहन ने सीबीआई पीई की सिफारिश की थी. सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच की शुरुआत जनवरी में की थी, जिसकी जांच अभी भी चल रही है. हालांकि इस मामले में CBI ने कोई FIR दर्ज नहीं की है.
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