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This Article is From Apr 17, 2017

सीबीआई ने TMC के बड़े नेताओं के खिलाफ दर्ज किया मामला, ममता बनर्जी बोलीं- तो क्या हुआ...

सीबीआई ने TMC के बड़े नेताओं के खिलाफ दर्ज किया मामला, ममता बनर्जी बोलीं- तो क्या हुआ...
ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र सरकार उनकी पार्टी को परेशान के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
TMC नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज
नारद स्टिंग में कथित तौर पर कैमरे में घूस लेते हुए कैद हुए थे TMC नेता
ममता बनर्जी ने कहा- यह राजनीतिक खेल है, हमें इसे उसी तरह लड़ेंगे
कोलकाता: ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है, जिसमें वे कथित तौर पर कैमरे पर बड़ी रकम लेते हुए कैद हुए थे. एनडीटीवी इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं कर सकता है. यह वीडियो पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले पिछले साल 14 मार्च को एक वेब पोर्टल नारदन्यूज.कॉम द्वारा जारी किया गया था. हालांकि 'नारद स्टिंग' नाम से चर्चित इस प्रकरण का चुनावों में तृणमूल के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ा और ममता बनर्जी लगातार दूसरी बार सत्ता में बिना किसी परेशानी के वापस आ गईं.

ममता बनर्जी ने इस मामले में सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर सोमवार को कहा, तो क्या हुआ, अगर एफआईआर दर्ज की गई है? एफआईआर का यह मतलब नहीं है कि कोई दोषी हो गया. यह एक राजनीतिक खेल है, हमें इसे उसी तरह लड़ेंगे. इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि वह नोटबंदी समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई पहलों का लगातार विरोध करती रही हैं, इसलिए केंद्र सरकार उनकी पार्टी को सताने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है.

सीबीआई द्वारा सोमवार को दर्ज एफआईआर में तृणमूल कांग्रेस के वर्तमान लोकसभा सांसदों, मौजूदा और पूर्व मंत्रियों समेत 12 वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की मांग को ठुकराते हुए साफ कर दिया कि सीबीआई जांच पर रोक नहीं लगाई जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का वक्त 72 घंटे से बढ़ाकर एक महीने कर दिया था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 72 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए थे.

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