हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Megha Engineering and Infrastructure Ltd) के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने कथित तौर से रिश्वत देने के एक मामले में एफआईआर दर्ज की है. गौरतलब है कि कंपनी ने 966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और वह इन बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार है.
अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र से संबंधित कार्यों के लिए मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने में लगभग 78 लाख रुपये की कथित रिश्वत दी. प्राथमिकी में एनआईएसपी और एनएमडीसी के आठ अधिकारियों और मेकॉन के दो अधिकारियों को भी कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए नामित किया गया है.
The CBI has registered a case against Megha Engineering and Infrastructure Ltd, along with eight officers from NMDC Iron and Steel Plant, Ministry of Steel, regarding alleged corruption in the execution of a Rs 315 crores project for NISP.
— ANI (@ANI) April 13, 2024
चुनाव आयोग के 21 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी और उसने भाजपा को लगभग 586 करोड़ रुपये की सबसे अधिक राशि का दान दिया था.
कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये का दान दिया. टीडीपी को कंपनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले.
एफआईआर के मुताबिक, सीबीआई ने 10 अगस्त, 2023 को एकीकृत इस्पात संयंत्र जगदलपुर में इंटेक वेल और पंप हाउस और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन के कार्यों से संबंधित 315 करोड़ रुपये की परियोजना में कथित रिश्वतखोरी के बारे में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी. प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर, 18 मार्च को कथित रिश्वतखोरी को लेकर एक नियमित मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई थी, जो 31 मार्च को दायर किया गया था.
NISP और NMDC के आठ अधिकारियों का नाम
सीबीआई ने एनआईएसपी और एनएमडीसी लिमिटेड के आठ अधिकारियों को नामजद किया है. इनमें रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रशांत दश, डायरेक्टर (प्रोडक्शन) डीके मोहंती, डीजीएम पीके भुइयां, डीएम नरेश बाबू, सीनियर मैनेजर सुब्रो बनर्जी, रिटायर्ड सीजीएम (फाइनेंस) एल कृष्ण मोहन, जीएम ( फाइनेंस) के राजशेखर, मैनेजर (फाइनेंस) सोमनाथ घोष शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर 73.85 लाख रुपये की रिश्वत ली थी.
सीबीआई ने मेकॉन लिमिटेड के दो अधिकारियों - एजीएम (कॉन्ट्रैक्ट) संजीव सहाय और डीजीएम (कॉन्ट्रैक्ट) के इलावर्सू का भी नाम लिया है. जिन पर कथित तौर पर एमईआईएल के जनरल मैनेजर सुभाष चंद्र सांगरास, मेघा इंजीनियरिंग और अज्ञात लोगों से 73 चालानों के 174.41 करोड़ रुपये के भुगतान के बदले में 5.01 लाख रुपये लेने का आरोप है. इस मामले में चंद्रा और मेघा इंजीनियरिंग को भी आरोपी बनाया गया है.
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