घूस लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash for Query) के आरोपों में घिरीं महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की सांसदी खत्म हो गई है. लोकसभा की एथिक्स कमिटी ने इस मामले की जांच के बाद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी. शुक्रवार को लोकसभा में ध्वनिमत से महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पास हो गया. एथिक्स कमिटी ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ कानूनी जांच की मांग की है. महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद थीं.
आइए महुआ मोइत्रा घूसकांड की पूरी टाइमलाइन पर डालते हैं एक नजर:-
14 अक्टूबर:- महुआ मोइत्रा के एक्स लिव इन पार्टनर और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहद्राई ने महुआ के खिलाफ घूस लेकर संसद में सवाल पूछने की शिकायत की. जय अनंत देहद्राई ने इसी मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को भी एक चिट्ठी लिखी.
15 अक्टूबर:- इसके बाद झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से महुआ मोइत्रा के बारे में वही शिकायत की. दुबे ने मोइत्रा को सस्पेंड करने की मांग की.
16 अक्टूबर:- बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से महुआ मोइत्रा के संसद अकाउंट के लॉग-इन आईडी और आईपी की जांच कराने की मांग की. महुआ ने भी सभी सांसदों के CDR और लॉग-इन डिटेल मांगी. राजीव चंद्रशेखर ने इसपर ट्वीट भी किया था.
17 अक्टूबर:- बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत को स्पीकर ने एथिक्स कमिटी को सौंप दिया. इसी दिन महुआ ने दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि की याचिका दायर की.
18 अक्टूबर:- लोकसभा एथिक्स कमिटी ने नोटिस जारी कर 26 अक्टूबर को निशिकांत दुबे को कमिटी के सामने पेश होने को कहा. इसी दिन वकील जय अनंत देहद्राई का भी बयान लिया गया.
19 अक्टूबर:- बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का विस्फोटक कबूलनामा सामने आया. उन्होंने अपने एफिडेविट में माना कि महुआ मोइत्रा ने उन्हें अपने लोकसभा अकाउंट का क्रेडेंशियल दिया था, ताकि वो सवाल पोस्ट कर सके. हीरानंदानी ने ये भी कबूल किया कि मोइत्रा ने इसके एवज में उनसे मोटा कैश और लग्जरी गिफ्ट्स, फॉरिन टूर की डिमांड की.
20 अक्टूबर:- इसी दिन महुआ के मानहानि मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने 31 अक्टूबर की अगली डेट दी.
21 अक्टूबर:- निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा की संसद की आईडी दुबई से 47 बार लॉग-इन हुई है. जबकि इस दौरान वो खुद भारत में थीं. इसके बाद एथिक्स कमिटी ने आईटी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी.
27 अक्टूबर:- एथिक्स कमिटी ने महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को पेश होने को कहा. महुआ ने पेशी के लिए 5 नवंबर के बाद की डेट मांगी. इसी दिन महुआ मोइत्रा ने माना कि उन्होंने हीरानंदानी को अपने संसद अकाउंट का लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दर्शन हीरानंदानी के सिर पर बंदूक रखकर एफिडेटिव साइन करवाया है.
28 अक्टूबर:- महुआ की गुजारिश पर एथिक्स कमिटी ने उन्हें 31 अक्टूबर के बजाय 2 नवंबर को पेश होने को कहा.
महुआ ने भी पेश होने की हामी भरी.
31 अक्टूबर:- तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने खिलाफ कथित फर्जी और अपमानजनक सामग्री के प्रसारण के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका से पक्षकार के रूप में कई मीडिया घरानों को हटाने का अनुरोध किया. मुकदमा सिर्फ दो प्रतिवादियों - बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहद्राई के खिलाफ जारी रहेगा.
1 नवंबर:- महुआ मोइत्रा की पेशी से एक दिन पहले एथिक्स कमिटी को गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट मिली. आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया कि महुआ का संसद अकाउंट दुबई से 47 बार लॉग-इन हुआ था.
2 नवंबर:- 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा संसद की एथिक्स कमिटी के सामने पेश हुईं. इस दौरान मीटिंग में खूब हंगामा हुआ. महुआ ने कहा कि एथिक्स कमिटी को कोई दूसरा नाम देना चाहिए, क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है. चेयरमैन ने दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक तरीके से सवाल किए. वहां मौजूद 11 में से 5 सदस्यों ने पूछताछ का बहिष्कार किया. महुआ ने आरोप लगाया कि एक महिला के रूप में मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले व्यक्तिगत सवाल पूछे गए. कमिटी ने इन आरोपों को खारिज किया. 7 नवंबर को अगली मीटिंग रखी गई, जो बाद में रद्द हो गई.
6 नवंबर:- महुआ ने दावा किया कि 7 नवंबर को होने वाली लोकसभा की एथिक्स कमिटी की बैठक इसलिए स्थगित की गई, ताकि कमेटी के मेंबर कांग्रेस सांसदों को कार्यवाही से दूर रखा जा सके.
8 नवंबर:- सूत्रों के मुताबिक, मामले की जांच के बाद संसदीय एथिक्स कमिटी ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपने X हैंडल पर दावा किया है कि एंटी-करप्शन पैनल ने इसी मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है.
9 नवंबर:- महुआ पर लगे आरोपों की मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने के लिए 9 नवंबर को एथिक्स कमिटी की बैठक हुई. कमिटी ने महुआ को पेश होने को कहा.
8 दिसंबर:- एथिक्स कमिटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने लोकसभा में महुआ पर रिपोर्ट पेश की. इस पर महुआ मोइत्रा समेत विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. इसके बाद ध्वनिमत से मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पास हो गया.
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