कर्नाटक के बेलगावी में दलित महिला को निर्वस्त्र घुमाए जाने के मामले को लेकर सीएम सिद्धारमैया ने भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर आरोप लगाया है. सिद्धारमैया ने कहा है कि जेपी नड्डा इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं. सिद्धारमैया ने इसे लेकर एक्स पर एक पोस्ट भी किया है. इस पोस्ट में सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में जब बीजेपी शासन में थी उस दौरान भी इस तरह की घटनाएं सामने आई थीं. लेकिन जेपी नड्डा उन घटनाओं को इसलिए भूल गए क्योंकि उन्हें हम पर आरोप लगाना है. दुर्भाग्य से बेलगावी में बीते दिनों महिला के साथ हुई इस घटना को जेपी नड्डा अब अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
बता दें कि कर्नाटक के बेलगावी जिले में सोमवार तड़के एक 42 वर्षीय महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और उसे बिजली के खंभे से बांधकर उसकी पिटाई भी कई गई. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उसका बेटा एक महिला के साथ भाग गया था. घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले में अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि बेलगावी में एक महिला और उसके परिवार के सदस्यों पर की गई हिंसा बेहद निंदनीय है. यह शर्मनाक है कि भाजपा अध्यक्ष नड्डा राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी घटना का फायदा उठा रहे हैं. जैसे ही बेलगावी घटना सामने आई, राज्य के गृहमंत्री जी परमेश्वर और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने पीड़िता के घर जाकर न केवल उसे सांत्वना दी बल्कि मुआवजा भी दिया.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने 24 घंटे के अंदर अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे डाल दिया है. सिद्धारमैया ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से इस मामले की जांच की निगरानी कर रहा हूं. हमारी सरकार दोषियों को सख्त सजा देकर यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि ऐसे अमानवीय कृत्य न हों.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य भाजपा नेता भी राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि, जेपी नड्डा का अचानक जागना और घटना के चार दिन बाद इस मामले को उछालने का उनका प्रयास महिलाओं के लिए वास्तविक चिंता के बजाय एक राजनीतिक मकसद का संकेत देता है.
अगर नड्डा वास्तव में महिलाओं की परवाह करते हैं, तो उन्हें उनकी सुरक्षा करने में विफल रहने के लिए पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष के दौरान कर्नाटक में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 17,813 मामले थे. भाजपा शासन में, जबकि पिछले वर्ष 2021 में 14,468 मामले सामने आए थे. तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या कर रहे थे?
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