पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रेणुका चौधरी के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) के तहत खम्मम जिला पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है।
रेणुका चौधरी के खिलाफ दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पिछले साल चुनाव से पूर्व एक स्थानीय नेता से विधानसभा टिकट दिलाने के नाम पर कथित रूप से 1. 10 करोड़ रूपये लिए थे और जब इस व्यक्ति की पत्नी ने रुपये वापस मांगे तो उसके साथ गाली गलौच हुआ।
हालांकि रेणुका चौधरी ने इन आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "हाईकोर्ट इस पूरे मामले को देख रही है। मैं कानून के मुताबिक लड़ूंगी।" रेणुका चौधरी ने कहा, "मौत से पहले वो मुझसे मिलने क्यों नहीं आए? आख़िर उनकी मौत के बाद ही ये मामला क्यों उठा? मैं उनकी पत्नी के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करूंगी..."
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 60 साल की इस कांग्रेस सांसद ने स्थानीय नेता डॉ. रामजी नाइक को कथित रूप से वाइरा विधानसभा सीट से टिकट दिलाने का वादा कर उनसे पैसे लिए, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।
डॉ. नाइक की पत्नी बी. कलावती की शिकायत पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। इस संबंध में 16 मार्च को दर्ज एफआईआर में इस घटना की तारीख 30 मई, 2013 बताई गई है।
कालावती का आरोप है कि रेणुका चौधरी ने उनके पति से पैसे लिए। उनका आरोप है चौधरी को 1.10 करोड़ रुपये देने के लिए उनके पति ने कर्ज लिया था और उसी के बोझ तले दब कर उनकी पति की मौत हो गई। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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