दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कार चोरी करने वाले एक हाईप्रोफाइल गैंग का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 6 महंगी कारें बरामद की हैं. ये गिरोह कारों की चेसिस नंबरों से छेड़छाड़ करके और जाली कागजात तैयार करके चोरी के महंगे वाहनों को कार डीलर कंपनियों को बेच देता था.
आरोपी जाली नंबर की कार के साथ गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव के मुताबिक, दक्षिणी रेंज क्राइम ब्रांच में तैनात सबइंस्पेक्टर अनुराग त्यागी को गुप्त सूचना मिली कि एक वाहन चोर गिरोह चोरी के महंगे वाहनों के चेसिस नंबर से छेड़छाड़ कर व जाली दस्तावेज तैयार कर उन वाहनों को बेचने में शामिल है. इसके बाद डीसीपी अंकित सिंह द्वारा एसीपी नरेश सोलंकी और इंस्पेक्टर गोविंद चौहान के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. सूचना के आधार पर टीम द्वारा गुरुग्राम में छापा मारा गया और एक आरोपी मनीष को एक जाली नंबर की एक मारुति स्विफ्ट कार के साथ गिरफ्तार कर लिया.
चोरी कर गाड़ी के चेसिस नंबरों से करते थे छेड़छाड़
जांच करने से पता चला कि कार दिल्ली के के.एन. काटजू मार्ग से चोरी हुई है. पूछताछ के दौरान आरोपी मनीष ने खुलासा किया कि वो अपने हरियाणा के रहने वाले अपने सहयोगी अमन गर्ग के साथ चेसिस नंबरों से छेड़छाड़ कर व जाली दस्तावेज तैयार कर चोरी के महंगे वाहनों को “स्पिनी कार कंपनी” में बेचता है. उसने आगे खुलासा किया कि वो दिल्ली के द्वारका इलाके में “सुप्रीम कार्ज शोरूम” के एक कर्मचारी रूपेंद्र से चोरी की कारें खरीदते थे. उन्होंने फर्जी आर.सी. और अन्य दस्तावेज तैयार कर कार के मॉडल को अपग्रेड किया था.
बेचीं गयी चोरी की टोयोटा फॉर्च्यूनर कार को जब्त
आरोपी अमन गर्ग को अंबाला से गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर “स्पिनी कार कंपनी” को बेचीं गयी चोरी की टोयोटा फॉर्च्यूनर कार को जब्त कर लिया गया. आरोपी रूपेंद्र का भी पता लगाया गया और उसे द्वारका स्थित “सुप्रीम कार्ज शोरूम” से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि शोरूम का मालिक नजफगढ़ का रहने वाला अमित गहलावत है और अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना है. वह चेसिस नंबरों से छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज बनाकर चोरी के वाहनों को बेच देता था. उसने आगे खुलासा किया कि अमित गहलावत अपने चचेरे भाई सुरेंद्र के माध्यम से चोरी के वाहन खरीदता था. आरोपी रूपेंद्र की निशानदेही पर अमित गहलावत और सुरेंद्र के ठिकानों पर छापेमारी की गई, लेकिन वो अभी भी फरार हैं. जांच के दौरान अमित गहलावत द्वारा गाजियाबाद के एक व्यापारी को बेची गई एक चोरी की टोयोटा फॉर्च्यूनर और एक महिंद्रा थार गाजियाबाद और मेरठ से बरामद की गई.
OLX के जरिए ऐसे फंसाते थे शिकार
पुलिस के मुताबिक, आरोपी व्यक्ति मनीष और अमन गर्ग ऑनलाइन प्लेटफार्मों “ओ.एल.एक्स.” आदि के जरिए कारों को खरीदने के लिए वाहन मालिक को 10,000 रुपये देकर कारों की बुकिंग करते थे और वेरिफिकेशन के नाम पर उन कारों के सभी दस्तावेज वाहन मालिको से लेते थे. उसके बाद वे रूपेंद्र के जरिए अमित गहलावत से उसी तरह के चोरी किये गये वाहन खरीदते थे. इसके बाद वह चेसिस नंबर से छेड़छाड़ कर ओ.एल.एक्स. में बुक किए गए उसी वाहन के जाली दस्तावेज तैयार करने के बाद चोरी की गई कार को बेच देते थे.
अमित गहलावत द्वारका में एक शोरूम चलाता है, जो महंगी कारों की खरीद-बिक्री का काम करता है, वो अपने चचेरे भाई सुरेंद्र के जरिए चोरी किये गये वाहन खरीदता था.
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