मानसून सत्र से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की।
नई दिल्ली:
संसद का मानसून सत्र प्रारंभ होने के पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और नेशनल सेल्स टैक्स या जीएसटी के लिए उन्हें मनाने की कोशिश की। मानसून सत्र सोमवार से प्रारंभ हो रहा है।
जीएसटी के अमल में आने से देश में एक समान कर व्यवस्था लागू होगी। इसमें कई तरह के अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जायेंगे। इसके लागू होने से जीडीपी में 1 से 2 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। संसद के मानसून सत्र की अवधि केवल 20 दिन है और कर सुधार सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर हैं।
इस सप्ताह जेटली और संसदीय मामलों के नए मंत्री अनंत कुमार कांग्रेस की ओर से सुझाए गए बदलावों को लेकर गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इन्होंने शुक्रवार इस मसले पर बातचीत भी की। गौरतलब है कि लोकसभा जीएसटी प्रस्तावों को मंजूरी दे चुकी है लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध की वजह से अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने वाला यह बिल राज्य सभा में अटका पड़ा है।
राज्यों के हाल के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस के पास अभी राज्यसभा में सबसे ज्यादा सीटें हैं। अपने सहयोगी दलों और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस जैसी क्षेत्रीय पार्टियों की मदद से सरकार जीएसटी सुधारों को आगे बढ़ा सकती है लेकिन सूत्रों के अनुसार वह इस मामले में सर्वसम्मति को तरजीह देगी। सरकार यह भी चाहती है कि प्रस्ताव पर वोटिंग की स्थिति में कांग्रेस राज्यसभा की कार्यवाही को बाधित न करे। हाल के संसद सत्र के दौरान कांग्रेस ने सदन को बाधित करने की रणनीति अख्तियार की थी। इससे पहले गुरुवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वैकया नायडू ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा से मुलाकात की थी और इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने में कांग्रेस का समर्थन मांगा था।
जीएसटी के अमल में आने से देश में एक समान कर व्यवस्था लागू होगी। इसमें कई तरह के अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जायेंगे। इसके लागू होने से जीडीपी में 1 से 2 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। संसद के मानसून सत्र की अवधि केवल 20 दिन है और कर सुधार सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर हैं।
इस सप्ताह जेटली और संसदीय मामलों के नए मंत्री अनंत कुमार कांग्रेस की ओर से सुझाए गए बदलावों को लेकर गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इन्होंने शुक्रवार इस मसले पर बातचीत भी की। गौरतलब है कि लोकसभा जीएसटी प्रस्तावों को मंजूरी दे चुकी है लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध की वजह से अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने वाला यह बिल राज्य सभा में अटका पड़ा है।
राज्यों के हाल के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस के पास अभी राज्यसभा में सबसे ज्यादा सीटें हैं। अपने सहयोगी दलों और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस जैसी क्षेत्रीय पार्टियों की मदद से सरकार जीएसटी सुधारों को आगे बढ़ा सकती है लेकिन सूत्रों के अनुसार वह इस मामले में सर्वसम्मति को तरजीह देगी। सरकार यह भी चाहती है कि प्रस्ताव पर वोटिंग की स्थिति में कांग्रेस राज्यसभा की कार्यवाही को बाधित न करे। हाल के संसद सत्र के दौरान कांग्रेस ने सदन को बाधित करने की रणनीति अख्तियार की थी। इससे पहले गुरुवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वैकया नायडू ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा से मुलाकात की थी और इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने में कांग्रेस का समर्थन मांगा था।
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