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नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को हंगामे की आशंका है. दिल्ली सरकार 25 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के प्रदर्शन पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्ट पेश करने वाली है. बीजेपी विधायकों के अनुसार, दिल्ली की नवगठित आठवीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन रिपोर्ट पेश की जाएगी. 

गौरतलब है कि बीजेपी आरोप लगाती रही है कि आप सरकार ने कैग रिपोर्ट रोक रखी थी. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछले गुरुवार को घोषणा की थी कि नयी सरकार के पहले सत्र में रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएंगी. कैग की लंबित रिपोर्ट में राज्य के वित्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण, शराब विनियमन और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कामकाज की समीक्षा शामिल है. 

कैग की रिपोर्ट में क्या है? रिपोर्ट के विधानसभा में पेश होने को लेकर प्रमुख विपक्षी दल आम आदमी पार्टी का क्या कहना है. दिल्ली विधानसभा और उसके बाहर की तमाम अपडेट्स हम यहां आपको देंगे. 

CAG Report Delhi Assembly Live Updates :

CAG की नियुक्ति कैसे होती है?

CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और इसका कार्यकाल 6 साल या 65 साल की उम्र तक (जो भी पहले हो) होता है. इसे हटाने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के जज के समान है, जिसमें संसद के दोनों सदनों से विशेष बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित करना जरूरी होता है. यह व्यवस्था CAG की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करती है, ताकि यह बिना किसी दबाव के सरकार की वित्तीय गतिविधियों पर नजर रख सके. वर्तमान में CAG का पदभार संजय मूर्ति संभाल रहे हैं, जिन्होंने 21 नवंबर 2024 को यह जिम्मेदारी संभाली थी.  

कैग की रिपोर्ट पर क्यों है पूरे देश की नजर

दिल्ली के संदर्भ में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, विशेष रूप से वे जो सरकारी वित्तीय प्रबंधन, नीतियों और परियोजनाओं से जुड़े हों. शराब नीति में अनियमितताएं, मुख्यमंत्री आवास जैसे मुद्दों की चर्चा होगी.

CAG के क्या-क्या काम होते हैं?

जानकारों का मानना है कि CAG का मेन रोल सेंटर और स्टेट के सभी सरकारी विभागों और दफ्तरों के अकाउंट्स का ऑडिट करना और चेक करना है. नियंत्रक और महालेखा परीक्षक सरकार की खुद की कंपनियों या उसकी तरफ से फाइनेंस होने वाली कंपनियों के खातों की भी स्क्रूटनी करता है.

कैग रिपोर्ट क्या होता है?

कैग रिपोर्ट भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India - CAG) द्वारा तैयार की जाने वाली एक आधिकारिक रिपोर्ट होती है. यह संस्था भारत सरकार और राज्य सरकारों के वित्तीय लेन-देन, खर्चों, और आय की जांच करती है. कैग रिपोर्ट में सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य सरकारी संस्थाओं के वित्तीय प्रबंधन और प्रदर्शन का पूरा लेखा जोखा होता है. 

विधानसभा चुनाव के दौरान उठा था CAG रिपोर्ट का मुद्दा

विधानसभा चुनावों के दौरान यह मुद्दा गहरा गया था, जिसमें भाजपा ने वित्तीय कुप्रबंधन के निष्कर्षों को दबाने के प्रयास के रूप में देरी को उजागर किया था. हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से किसी भी तरह के कुप्रबंधन या अनियमितता के आरोप को गलत बताया जाता रहा है. 

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