
- केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लखनऊ मेट्रो लाइन के विस्तार परियोजना को मंजूरी दी गई है.
- लखनऊ मेट्रो के चरण 1बी के लिए पांच हजार आठ सौ एक करोड़ रुपये का निवेश स्वीकृत किया गया है.
- मेट्रो लाइन को 34 किलोमीटर तक बढ़ाकर ओल्ड लखनऊ के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इन फैसलों में सबसे अहम है लखनऊ मेट्रो लाइन के विस्तार का प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलना. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है, 'लखनऊ एक बड़ा शहर है और यहां मेट्रो की बहुत जरूरत है. इसलिए, लखनऊ मेट्रो के चरण 1बी को 5,801 करोड़ रुपये के निवेश से मंज़ूरी दी गई है.'
34 किलोमीटर की दूरी
प्रोजेक्ट को एक्सपैंड करके मेट्रो को 34 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का मकसद ओल्ड लखनऊ के सभी अहम जोन को मेट्रो के दायरे में लेकर आना है. मेट्रो के दूसरे चरण में यह जिन जगहों से होकर गुजरेगी उनमें-
- कमर्शियल हब्स जैसे अमीनाबाद, याहियागंज, पांडेगंज और चौक के इलाके शामिल होंगे.
- इसके अलावा महत्वपूर्ण अस्पताल जैसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (मेडिकल कॉलेज) शामिल होंगे.
- बड़े टूरिस्ट आकर्षण जैसे बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैय्या, क्लॉक टॉवर और रूमी दरवाजा.
- खाने-पीने की मशहूर जगहें जो शहर के समृद्ध और एतिहासिक खाद्य संस्कृति को बयां करती हैं, उन्हें भी मेट्रो से जोड़ा जाएगा.
रोजाना 2 लाख अतिरिक्त यात्री
केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने इस बारे में और ज्यादा जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नए कॉरिडोर से रोजाना 2 लाख अतिरिक्त यात्रियों के आवागमन की उम्मीद है. साथ ही लखनऊ मेट्रो के चरण-1बी का पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर विस्तार पुराने शहर क्षेत्र में भीड़भाड़ का सामना करने वाले दैनिक यात्रियों के लिए एक वरदान साबित होगा. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मैं इस प्रगतिशील और जन-हितैषी निर्णय के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं. मैं लखनऊ में प्रस्तावित मेट्रो विस्तार के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शहरी एवं आवास एवं शहरी कार्य मंत्री (MoHUA) मनोहर लाल का भी आभार व्यक्त करता हूं.'
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