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This Article is From Dec 25, 2023

Burhanpur: शादी के लिए इस अंदाज में घोड़े पर सवार होकर दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन, Video वायरल

Madhya Pradesh News in HIndi: बुरहानपुर में एक अनूठी शादी देखने को मिली, जहां इंडियन दुल्हन घोड़ी पर बैठकर एक एनआरआई दूल्हे को शादी करने के लिए न्योता देने पहुंची. दुल्हन के अपने घर पहुंचने पर दूल्हा भी उसके निमंत्रण को स्वीकार कर उसे एक तलवार भेंट कर शादी के प्रस्ताव और बारात लेकर उसके घर आने के लिए अपनी सहमति दी.

Burhanpur: शादी के लिए इस अंदाज में घोड़े पर सवार होकर दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन, Video वायरल

Burhanpur latest News: शादी के मौके पर हर किसी की इच्छा कुछ ऐसा करने की होती है, जो जिंदगी भर के लिए एक यादगार लम्हा बन जाए. लिहाजा, लोग शादी के मौके पर नित्य नए तरीके अपनाते रहते हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक युवती घोड़े पर सवार होकर दूल्हे के घर पहुंची. यह नजारा देखकर लोग हैरान रह गए, जिसने भी इस नजारे को देखा इसे अपने मोबाईल के कैमरों में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

 दरअसल, बुरहानपुर में एक अनूठी शादी देखने को मिली, जहां इंडियन दुल्हन घोड़ी पर बैठकर एक एनआरआई दूल्हे को शादी करने के लिए न्योता देने पहुंची. दुल्हन के अपने घर पहुंचने पर दूल्हा भी उसके निमंत्रण को स्वीकार कर उसे एक तलवार भेंट कर शादी के प्रस्ताव और बारात लेकर उसके घर आने के लिए अपनी सहमति दी.

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शादी और बारातें तो आपने बहुत देखी होंगी, लेकिन घोड़ी पर बैठकर दुल्हन को जाते हुए यह केवल बुरहानपुर के गुजराती मोढ़ वणिक समाज में ही देखने को मिलता है. दरअसल, यह प्रथा राजा महाराजाओं की समय में प्रचलित थी. आधुनिक समय की चकाचौंध में प्राचीन प्रथाएं समाप्त हो गई थी, लेकिन बुरहानपुर के गुजराती मोढ़ वणिक समाज में इसे एक बार फिर से जीवित किया जा रहा है. इस समाज की लड़कियां फिर से इस प्रथा के मुताबिक अपना विवाह रचा रही हैं. इसी कड़ी में दुल्हन आस्था और एनआरआई दूल्हा अविजित ने इस पर अमल कर सभी हैरान कर दिया है.

यह है परंपरा

गुजराती वाणिक मोढ समाज के गोपाल देवकर ने बताया यह हमारे समाज की प्राचीन परंपरा है, जिसे कन्या घाटडी कहा जाता है. वैसे तो यह परंपरा समाज में लुप्त हो गई थी, लेकिन समाज की नई जनरेशन को जब अपने समाज की इस परंपरा के बारे में पता चला, तो नई पीढ़ी ने इसे दोबारा शुरू करने का आग्रह किया. इसके लिए बुरहानपुर के नव युगल आस्था और अविजित आगे आए. इस परंपरा में शादी के एक दिन पहले दुल्हन को घोड़ी पर सवार करके गाजे बाजे के साथ दूल्हे के घर या दूल्हे के परिवार की ओर से जहां व्यवस्था की जाती है, उस मैरिज गार्डन तक दुल्हन घोड़े पर सवार होकर पहुंचती हैं, जहां सभी वधु पक्ष के लोगों का वर पक्ष के लोग स्वागत सत्कार करते हैं. फिर दुल्हन घोड़ी से उतर कर दूल्हे को विवाह करने के लिए अपने घर आने का निमंत्रण देती है, जिसे दुल्हा स्वीकार कर दुसरे दिन दुल्हन के यहां विवाह करने पहुंचता है.

इसी कड़ी में दुल्हन बनी आस्था भी रविवार को घोड़े पर सवार हो कर अपने होने वाले जीवन साथी के यहां पहुंची. इसके बाद सामाजिक परंपरा के मुताबिक दूल्हे को अपने यहां आकर शादी करने के लिए निमंत्रण दिया. दुल्हे अविजित ने भी दुल्हन आस्था का निमंत्रण स्वीकार कर तलवार भेंट की. अब दोनों का विवाह पूरे रीति रिवाज के साथ सोमवार को संपन्न होगा.

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समाजसेवी समानता के लिए जताया जरूरी

शादी के इस इस अनोखे रिवाज पर समाजसेवी शकुन्तला दुनगे कहती है कि इस प्रकार की परंपरा से महिलाओं को  पुरुष प्रधान समाज में बराबरी का दर्जा होने का एहसास होता है. वहीं, पुरुषों को भी महिलाओं के प्रति एक सम्मान का भाव उत्पन्न होता है, क्योंकि विवाह एक ऐसा बंधन है, जिसमें पुरुष और महिला मिलकर ही एक नए परिवार को आगे बढ़ाते हैं. इसमें दोनों की सहभागिता एक समान होना अति आवश्यक है.

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