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This Article is From Dec 26, 2023

बुराड़ी अस्पताल छेड़छाड़ केस: सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव पर लगाए कई आरोप

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि बुराड़ी अस्पताल से जो सूचना आई वह 'बहुत चौंकाने वाली' थी और इसके लिए सरकारी तंत्र द्वारा तत्काल कार्रवाई की जरूरत थी.

बुराड़ी अस्पताल छेड़छाड़ केस: सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव पर लगाए कई आरोप
मुख्य सचिव कार्यालय ने भारद्वाज के आरोपों को खारिज कर दिया
नई दिल्‍ली:

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार कहा कि मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उस पत्र का 'जवाब नहीं दिया', जिसमें उनसे बुराड़ी में दिल्ली सरकार के एक अस्पताल में महिला अनुबंध कर्मियों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने के लिए कहा गया था. हालांकि, कुमार के कार्यालय ने कहा कि मामले में कार्रवाई रिपोर्ट सौंप दी गई है. भारद्वाज ने रविवार को कुमार को आरोपों की तफ्तीश के लिए एक जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया था। मंत्री ने पत्र मिलने के छह घंटे के भीतर मुख्य सचिव से मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी.

एक बयान में भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि बुराड़ी अस्पताल से जो सूचना आई वह 'बहुत चौंकाने वाली' थी और इसके लिए सरकारी तंत्र द्वारा तत्काल कार्रवाई की जरूरत थी. उन्होंने कहा, "यह 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण' है कि ऐसे अत्यधिक संवेदनशील आरोपों के मामले में भी, मुख्य सचिव ने उन्हें भेजे गए आवश्यक पत्र का 'जवाब नहीं देने का फैसला' किया. कोई कल्पना कर सकता है कि निर्वाचित सरकार कैसे काम करती है... जब मुख्य सचिव आवश्यक पत्र पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी? यह तब है जब इस विशेष घटना पर भाजपा की दिल्ली इकाई द्वारा इतना हंगामा मचाया गया है. क्या भाजपा अब मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी?"

मंत्री ने कहा कि रविवार को मुख्य सचिव के आवास पर उनके द्वारा जारी आवश्यक नोट को लेकर एक संदेशवाहक भेजा गया था. भारद्वाज ने कहा, "हालांकि, श्री नरेश कुमार के आवास पर कर्मचारियों ने यह कहते हुए पत्र स्वीकार नहीं किया कि उन्हें कोई भी पत्र स्वीकार न करने के निर्देश हैं। उसके बाद, उक्त पत्र को मुख्य सचिव को ईमेल के माध्यम से भेजा गया... और पत्र को आज सुबह उनके आवास पर भौतिक रूप से भी पहुंचाया गया."

पुलिस ने बताया कि बुराड़ी सरकारी अस्पताल में अनुबंध के आधार पर सफाई कर्मी के रूप में काम करने वाली एक महिला ने अपने प्रबंधक और तीन पर्यवेक्षकों पर उसके और दो अन्य कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा जीएनसीटीडी अधिनियम में हालिया संशोधन के बाद निर्वाचित दिल्ली सरकार का नौकरशाहों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. मंत्री ने कहा, "अधिकारी केवल उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं. जब भी कोई अप्रिय घटना होती है, तो निर्वाचित सरकार से सवाल पूछे जाते हैं. हालांकि, अधिकारियों पर सारा नियंत्रण उपराज्यपाल के पास होता है."

मुख्य सचिव कार्यालय ने खारिज किये आरोप

मुख्य सचिव कार्यालय ने भारद्वाज के आरोपों को खारिज कर दिया. इसमें कहा गया कि नरेश कुमार ने अस्पताल की महिला कर्मियों द्वारा लगाए गए आरोपों पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट भारद्वाज को सौंप दी है. रिपोर्ट में सत्तारूढ़ ‘आप' के आधिकारिक ‘एक्स' हैंडल पर छह घंटे की समय सीमा के साथ भारद्वाज का नोट पोस्ट करने पर भी 'आश्चर्य व्यक्त' किया गया है. नरेश कुमार के कार्यालय ने कहा कि उक्त पत्र मुख्य सचिव को ईमेल पर भेजा गया था और क्रिसमस पर सुबह 10:10 बजे उन्हें भौतिक रूप से पहुंचाया गया.

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