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This Article is From Nov 10, 2019

पश्चिम बंगाल में ‘बुलबुल’का कहर, सात लोगों की मौत; तेज हवा ने उखाड़ दिए पेड़

आंधी से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए, उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना व पूर्वी मिदनापुर जिलों में बिजली के तार टूटे, जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित

पश्चिम बंगाल में ‘बुलबुल’का कहर, सात लोगों की मौत; तेज हवा ने उखाड़ दिए पेड़
पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान बुलबुल के कारण सैकड़ों पेड़ गिर गए.
कोलकाता:

चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' (BULBUL) पश्चिम बंगाल में अपना व्यापक असर दिखा रहा है. इस चक्रवात ने बांग्लादेश की ओर बढ़ने से पहले पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में दस्तक दे दी है. चक्रवाती तूफान के प्रभाव से राज्य के अलग-अलग स्थानों पर सात लोगों की मौत हो गई. आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. गंभीर चक्रवात के कारण रविवार को सुबह तक तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. आंधी के कारण सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना व पूर्वी मिदनापुर जिलों में बिजली के तार टूट गए. इससे जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है. सिर्फ उत्तरी परगना में अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई है.    

चक्रवात ‘बुलबुल' के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले सप्ताह उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. वे सोमवार को नामखाना और बक्खाली के आसपास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की और इस आपदा से निपटने के लिए राज्य को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार बशीरहाट इलाके के पुरबा मकाला गांव में 70 वर्षीय सुचित्रा मंडल पर एक पेड़ गिर पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई. गोखना गांव में कई पेड़ उखड़ गए, इनमें एक पेड़ की चपेट में आने से रेबा बिस्वास (47) की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि उत्तरी परगना जिले में एक लैम्प पोस्ट के संपर्क में आने से बिजली का झटका लगने से मनिरुल गाजी (59) की मौत हो गई.    एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जिले में दो और लोगों के मरने की सूचना है जिनमें से एक व्यक्ति की मौत दीवार ढहने से और अन्य की मौत पेड़ गिरने के कारण उसकी चपेट में आने से हुई.

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पूर्वी मिदनापुर में भी एक गिरते पेड़ की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई. इससे पहले शनिवार को तटीय इलाकों में चक्रवात के दस्तक देने से पहले शहर में भारी बारिश के दौरान देवदार के एक पेड़ की शाखा टूटकर गिर जाने से उसकी चपेट में आकर एक जाने माने क्लब के कर्मचारी की मौत हो गई.

शनिवार को पूरे दिन कोलकाता में मूसलाधार बारिश होती रही जिससे लोग घरों के अंदर रहे. तटीय जिलों दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर और उत्तर 24 परगना जिले के आसपास के इलाकों में 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली. चक्रवात ने वहां शनिवार करीब मध्यरात्रि में दस्तक दी थी. सैकड़ों पेड़ों के उखड़ने से शहर के कई हिस्सों में सड़कें जाम रहीं, हालांकि मौसम में सुधार के बाद कई लोग रविवार को दोपहर में अपने-अपने घरों से निकले.

कोलकाता नगर निगम (केएमसी), पुलिस और दमकल कर्मियों के साथ एनडीआरएफ गिरे हुए पेड़ों और टहनियों के कारण जाम हुई सड़कों को साफ करने में जुटा है. केएमसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने कर्मियों को सड़कों को साफ करने और निचले इलाकों से जल निकासी के काम में लगाया है. हमें उम्मीद है कि यह काम रात तक खत्म हो जाएगा.'' राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने कहा कि जड़ से उखड़ चुके पेड़ों को जल्द से जल्द हटाने के लिए सभी आपात सेवाएं काम कर रही हैं.    

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मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार सुंदरबन धानची वन के करीब पहुंचने से पहले बेहद गंभीर चक्रवात तूफान कमजोर होकर गंभीर चक्रवात में तब्दील हो गया. मौसम विभाग ने उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर और नादिया जिलों में दोपहर साढ़े 12 बजे से अगले छह घंटे से अधिक समय तक मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है.

राज्य के ऊर्जा मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा चक्रवात के कारण इलाकों में बिजली के तार गिरने की वजह से बाधित हुई बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं.

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