जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार विभाग के लिए आवंटित कुल बजट 30,233.83 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वर्ष के 19,516.92 करोड़ रुपये के आवंटन से 55 प्रतिशत अधिक है. वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित बजट में विशेष रूप से प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं और नमामि गंगे मिशन-2 के लिए आवंटन में वृद्धि हुई है.
सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘बिहार लगातार बाढ़ का दंश झेलता रहा है जिनमें से अधिकतर देश के बाहर से आने वाली नदियों की वजह से आती हैं. नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाएं बनाने की योजना अभी आगे नहीं बढ़ी है.''
पिछले साल हिमाचल प्रदेश को हुए व्यापक नुकसान पर प्रकाश डालते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी सरकार बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए सहायता प्रदान करेगी.''
उन्होंने कहा कि फरक्का बैराज परियोजना और बांध पुनर्वास और सुधार कार्यक्रम जैसे प्रमुख कार्यक्रमों सहित प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं के लिए बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है. उदाहरण के लिए, अकेले फरक्का बैराज परियोजना के लिए आवंटन पिछले वर्ष के संशोधित बजट 70.92 करोड़ रुपये से बढ़कर 127 करोड़ रुपये किया गया है.
इनके अलावा, राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना और अटल भूजल योजना सहित जल संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं के बजट में भी वृद्धि की गई है. भूजल प्रबंधन पर केंद्रित अटल भूजल योजना को पिछले वित्त वर्ष के 1,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,778 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
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