केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में बजट-2023 पेश किया. इसमें वैसे तो कई अहम ऐलान किए गए हैं, लेकिन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट में भारी कटौती की गई है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को इस बार 2023-24 के लिए 3097 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि 2022-2023 में यह राशि 5020 करोड़ थी. हालांकि 2022-2023 में इसमें से सिर्फ 2612 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए थे. मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन बन्द होने के करीब है इसके लिए सिर्फ़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है. 'नई मंज़िल' को भी सिर्फ 10 लाख का बजट दिया गया है. इसी तरह स्किल डेवलपमेंट के लिए भी सिर्फ दस लाख रुपये का प्रावधान किया है. पिछले साल स्किल डेवलपमेंट का 100 करोड़ का बजट था. यूपीएससी (UPSC) की तैयारी के लिए अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स के लिए चलने वाली स्कीम बन्द कर दी गई है.
गौरतलब है कि बजट-2023 में महिलाओं, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई ऐलान किए गए हैं. इस बार बजट की सबसे बड़ी बात यह रही कि टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की गई है. नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपये कर दी गई. बजट में सैलरीड क्लास को एक और राहत दी गई है. वित्त मंत्री ने साथ ही बजट की सात प्राथमिकताएं भी बताई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र बजट की प्राथमिकताएं हैं.
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