
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के एक जवान का बुधवार सुबह 6 बजे बांग्लादेशी नागरिकों ने अपहरण कर लिया. फ्लैग मीटिंग के बाद बांगलादेश ने इस जवान को चार घंटे बाद वापस लौटाया गया. जानकारी के मुताबिक इस दौरान बंगालादेशी जवान को केले के पेड़ से बांघ दिया गया और उसके साथ बदसूलकी भी की गई. यह घटना नूरपुर के सुटियार स्थित बीएसएफ कैंप के पास चांदनी चौक इलाके में बुधवार सुबह हुई.
बीएसएफ के मुताबिक यह जवान बार्डर पर बने बाड़ के आगे तैनात थे. उसी दौरान कुछ बंग्लादेश की ओर से कुछ असमाजिक तत्वों ने घुसपैठ की कोशिश की. जब यह जवान ने उनको रोकन की कोसिश की तो उसे बांग्लादेश के चपाई नवाबगंज जिले के भीड़ ने पकड़ लिया और जबरन सीमा पार ले गए. इसको लेकर जब हमनें बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि जवान को बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा अगवा कर लिया गया था और उसे चार घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया. लेकिन हमने तुरंत यह मामला अपने समकक्ष बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के सामने उठाया तो उन्होनें कुछ घंटों के भीतर जवान को रिहा कर दिया गया.
बीएसएफ ने बताया कि वह अब पूरी तरह सुरक्षित है और हमारे साथ है. इस घटना को लेकर दोनों देशों की सीमा सुरक्षा बलों के बीच फ्लैग मीटिंग आयोजित की गई. बीएसएफ का कहना है कि इस घटना को लेकर वह बीजेबी के सामने अपना औपचारिक विरोध भी दर्ज कराएगी. बार्डर सिक्यूरिटी फोर्स के अधिकारियों के मुताबिक अगर हम ऐसे हालात गोली चलाते तो यह घटना नहीं हो पाती. लेकिन हमारे जवानों ने मानवीय पहलू का परिचय दिया. लेकिन भविष्य में ऐसी घटना ना हो उसके लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे.
गौरतलब है फेनसिंग के आगे बीएसएफ जवानों की डयूटी हमेशा चुनौती से भरा होता है. खासकर बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद तो सरहद पर मुश्किल और भी बढ़ गई है.
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