विज्ञापन
This Article is From Jul 26, 2019

दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में थे आमने-सामने बीएस येदियुरप्पा और डीके शिवकुमार, अब दोनों मिलकर अपना बचाव करते दिखे

यह मामला 13 मई, 2010 को पूर्वी बेंगलुरु के बेनीगानहल्ली में लगभग साढ़े चार एकड़ के डिमोनेटाइजेशन से संबंधित है. कथित रूप से शिवकुमार को फायदा पहुंचा रहा था. येदियुरप्पा तब मुख्यमंत्री थे और शिवकुमार सरकार में मंत्री.

दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में थे आमने-सामने बीएस येदियुरप्पा और डीके शिवकुमार, अब दोनों मिलकर अपना बचाव करते दिखे
जमीन घोटाला मामले में येदियुरप्पा और डीके शिवकुमार अभियुक्त हैं
नई दिल्ली:

कर्नाटक के 'नाटक' में इस आमने-सामने दो प्रमुख चेहरे हैं एक ओर बीजेपी से बीएस येदियुरप्पा और दूसरी ओर कांग्रेस के डीके शिवकुमार. सुप्रीम कोर्ट में यही दो दिग्गज आमने-सामने थे. लेकिन आज कुछ ऐसा हुआ कि दोनों एक साथ आ गए. दरअसल कर्नाटक के कथित जमीन घोटाला मामले में आरोपी हैं. जब यह घोटाला हुआ तो डीके शिवकुमार, बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री थे. दो दिन पहले येदियुरप्पा और शिवकुमार में राजनीतिक ड्रामे को लेकर प्रधान न्यायाधीश की अदालत में आमने-सामने थे. डीके शिवकुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी थे तो दूसरी ओर येदियुरप्पा की ओर से मुकुल रोहतगी पेश हुए थे. लेकिन आज जस्टिस अरुण मिश्र और एमआर शाह की बेंच में दोनों एक साथ अपना बचाव करते दिखे.  शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि वो तय ये तय करेगा कि तीसरा पक्ष मामले में दखल दे सकता है या नहीं. 

राज्यपाल से मिलकर बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया, आज शाम 6 बजे लेंगे शपथ

यह मामला 13 मई, 2010 को पूर्वी बेंगलुरु के बेनीगानहल्ली में लगभग साढ़े चार एकड़ के डिमोनेटाइजेशन से संबंधित है. कथित रूप से शिवकुमार को फायदा पहुंचा रहा था. येदियुरप्पा तब मुख्यमंत्री थे और शिवकुमार सरकार में मंत्री. 1986 में NGEF लेआउट के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था.  शिवकुमार ने इसे 2003 में खरीदा था.  सामाजिक कार्यकर्ताओं टीजे अब्राहम और कबलेगौड़ा ने विशेष लोकायुक्तकोर्ट के समक्ष अलग-अलग शिकायतें दर्ज कीं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.  इसके बाद लोकायुक्त ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की.  इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और 18 दिसंबर, 2015 को येदियुरप्पा, शिवकुमार और एक हामिद अली, जो दक्षिण बेंगलुरु में सब-रजिस्ट्रार के रूप में काम कर रहे थे, के खिलाफ कार्यवाही को रद्द कर दिया गया. हाई कोर्ट के निर्देश को चुनौती देते हुए कबलेगौड़ा और अब्राहम सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए जबकि राज्य सरकार या लोकायुक्त ने इसके खिलाफ अपील नहीं की. 

कर्नाटक को लेकर असमंजस में बीजेपी, टिकाऊ सरकार के लिए इंतजार; या येदियुरप्पा का सपना करे साकार

इस बीच समाज परिवर्तन समुदाय ने कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर पक्षकार बनाने की मांग की और कहा कि सरकार दोनों याचिकाकर्ताओं को प्रलोभन देकर केस वापस करा सकती है. 2017 में अब्राहम ने केस को वापस ले लिया और बाद में कबलेगौडा ने केस को वापस 
ले लिया था. 

राज्यपाल से मिले येदियुरप्पा, पेश किया सरकार बनाने का दावा​

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
PM मोदी जन्मदिन विशेष: जब नरेंद्र मोदी ने मां से नजदीकियों और अपने बचपन को याद कर सबको कर दिया था भावुक
दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में थे आमने-सामने बीएस येदियुरप्पा और डीके शिवकुमार, अब दोनों मिलकर अपना बचाव करते दिखे
"तरंग शक्ति" मित्र देशों के बीच सहयोग और आपसी विश्वास बनाने का एक माध्यम : राजनाथ सिंह
Next Article
"तरंग शक्ति" मित्र देशों के बीच सहयोग और आपसी विश्वास बनाने का एक माध्यम : राजनाथ सिंह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com