गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू का कहना है कि ब्रिटिश अधिकारियों ने प्रत्यर्पण के लिए भारत को सहयोग का भरोसा दिलाया है.
नई दिल्ली:
बैंकों को चूना लगाकर ब्रिटेन भागे नीरव मोदी और विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश सरकार सहयोग करने को तैयार है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू का कहना है कि ब्रिटिश अधिकारियों ने इस सिलसिले में भारत को सहयोग का भरोसा दिलाया है. दरअसल नीरव मोदी ब्रिटेन में है और उसने वहां शरण मांगी है. भारतीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने सोमवार को ब्रिटेन की गृह राज्य मंत्री बैरोनेस सुशान विलियम्स से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि ब्रिटिश सरकार भारत के भगोड़े आरोपियों नीरव मोदी और विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सहयोग करने को तैयार है. इस बीच नीरव मोदी ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगी है. उनका कहना है कि भारत सरकार की वजह से उनका कारोबार डूब गया. यहां वे राजनीतिक दमन के शिकार हो सकते हैं. जानकारी के मुताबिक नीरव मोदी के पास फिलहाल सिंगापुर का पासपोर्ट है और वो अभी लंदन में हैं. जबकि नीरव मोदी के भाई निशल मोदी बेल्जियम के पासपोर्ट पर ऐंटवर्प में हैं. नीरव की बहन पूर्वी मेहता के पास भी बेल्जियन पासपोर्ट है और वो हांगकांग में बताई जा रही हैं.
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आपको बता दें कि लंदन के मेफेयर इलाक़े में भी नीरव मोदी की एक दुकान है. साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में उनकी चेन है. भारत में 11,000 करोड़ रुपये के घपले के अलग-अलग मामलों में सीबीआई और ईडी ने उनके ख़िलाफ़ दैरज़मानती वारंट जारी कर रखा है. माना जा रहा है कि अगर ब्रिटिश सरकार ने उनका अनुरोध ठुकराया तो वो कोर्ट भी जा सकते हैं- जैसा विजय माल्या ने किया था. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही खबर आई थी कि नीरव मोदी ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेना चाहता है. भारतीय और ब्रिटिश अधिकारियों के हवाले से यह दावा फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) अखबार ने किया है. जब रॉयटर्स ने एफटी की खबर पर ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने बताया कि वह व्यक्तिगत मामलों पर जानकारी प्रदान नहीं करता है.
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आपको बता दें कि लंदन के मेफेयर इलाक़े में भी नीरव मोदी की एक दुकान है. साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में उनकी चेन है. भारत में 11,000 करोड़ रुपये के घपले के अलग-अलग मामलों में सीबीआई और ईडी ने उनके ख़िलाफ़ दैरज़मानती वारंट जारी कर रखा है. माना जा रहा है कि अगर ब्रिटिश सरकार ने उनका अनुरोध ठुकराया तो वो कोर्ट भी जा सकते हैं- जैसा विजय माल्या ने किया था. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही खबर आई थी कि नीरव मोदी ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेना चाहता है. भारतीय और ब्रिटिश अधिकारियों के हवाले से यह दावा फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) अखबार ने किया है. जब रॉयटर्स ने एफटी की खबर पर ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने बताया कि वह व्यक्तिगत मामलों पर जानकारी प्रदान नहीं करता है.
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