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This Article is From May 18, 2025

बीएमसी की पहल, ब्लड प्रेशर से बचाव के लिए 25 लाख लोगों की होगी जांच

वर्ष 2023 से अब तक, बीएमसी द्वारा घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 25 लाख लोगों की जांच की गई है. इनमें से 1 लाख 40 हजार लोगों में उच्च रक्तचाप की पुष्टि हुई और इन सभी का इलाज शुरू किया गया. साल 2022 से शुरू किए गए 25 जांच केंद्रों के माध्यम से अब तक 4 लाख 92 हजार लोगों की उच्च रक्तचाप के लिए स्क्रीनिंग की गई है.

बीएमसी की पहल, ब्लड प्रेशर से बचाव के लिए 25 लाख लोगों की होगी जांच

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मुंबईकरों के स्वास्थ्य को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की है. विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर बीएमसी ने "नमक कम, जीवन लंबा" संदेश के साथ जनजागृति की खास मुहिम शुरू की है. बीएमसी ने ब्लड प्रेशर से बचाव के लिए 25 लाख लोगों की जांच करने का लक्ष्य रखा है. लोगों को ब्लड प्रेशर के बारे में जागरूक करने और इसके नियंत्रण में रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.

उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर एक 'साइलेंट किलर' माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और यह शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. अगर समय रहते इलाज लिया जाए और जीवनशैली में जरूरी बदलाव किए जाएं तो इस बीमारी पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है. BMC द्वारा नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जिससे लोगों को उच्च रक्तचाप की जांच और इलाज सुलभ हो.

वर्ष 2023 से अब तक, बीएमसी द्वारा घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 25 लाख लोगों की जांच की गई है. इनमें से 1 लाख 40 हजार लोगों में उच्च रक्तचाप की पुष्टि हुई और इन सभी का इलाज शुरू किया गया. साल 2022 से शुरू किए गए 25 जांच केंद्रों के माध्यम से अब तक 4 लाख 92 हजार लोगों की उच्च रक्तचाप के लिए स्क्रीनिंग की गई है.

इस समय 1 लाख 16 हजार मरीज बीएमसी के विभिन्न अस्पतालों और दवाखानों में नियमित इलाज ले रहे हैं. यदि उच्च रक्तचाप को अनदेखा किया जाए तो यह शरीर पर कई गंभीर असर डाल सकता है जैसे स्ट्रोक, हृदय रोग, किडनी फेल होना, आंखों की बीमारियां आदि.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन 5 ग्राम से ज्यादा नमक खाता है तो इससे स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. मुंबई में 2021 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, मुंबईवासी प्रतिदिन औसतन 9 ग्राम नमक का सेवन करते हैं, जो अनुशंसित मात्रा से काफी ज्यादा है.

यह जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों के भोजन में नमक की मात्रा कम दी जाए, ताकि भविष्य में उन्हें उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियां न हों. इसी को ध्यान में रखते हुए बीएमसी द्वारा मई 2025 में "मीठ और नमक जनजागरूकता अभियान" यानी "हेल्दी खाओ, स्वस्थ रहो, मस्त रहो" नामक एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है.

इस अभियान का उद्देश्य यह है कि मुंबई के लोग अपने भोजन में नमक और चीनी की मात्रा कम करें, पैक्ड फूड के लेबल पढ़ें, सही खाद्य पदार्थ चुनें और प्रोसेस्ड फूड का कम सेवन करें. अभियान को लोकप्रिय बनाने के लिए मराठी सिनेमा के मशहूर कलाकारों के साथ जागरूकता वीडियो बनाए गए हैं, जिन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है.

स्कूलों और कॉलेजों में इस विषय पर विशेष फिल्में दिखाई जाएंगी, चर्चा कार्यक्रम, स्पर्धाएं और संवाद आधारित गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी. बीएमसी की अपील है कि नागरिक नियमित रूप से बीएमसी के दवाखानों में जाकर अपना रक्तचाप मापवाएं, डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का सही तरह से सेवन करें, दिनचर्या में नमक की मात्रा कम करें, योग और व्यायाम को अपनाएं और अपने आहार में जरूरी बदलाव करें ताकि वे लंबे और स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ सकें.

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