बीएमसी चुनावों में आमिर खान का विज्ञापन.
मुंबई:
मंगलवार को मुंबई निकाय चुनावों वाले दिन प्रमुख अखबारों में छपे एक विज्ञापन पर बवाल मच गया है. दरअसल उस एड में मशहूर एक्टर आमिर खान को लोगों को वोट देने की अपील करते हुए दिखाया गया है. इस विज्ञापन में कहा गया है कि यदि आप अपने शहर को कूड़े के ढेर, गढ्ढों, सिकुड़ते समुद्री तट, ट्रैफिक जाम, गंदी बस्तियां, पानी की सप्लाई जैसी परेशानियों से छुटकारा दिलाने चाहते हैं तो इस समस्या के समाधान के लिए आप एकजुट होकर वोट करें.
इसके प्रकाशित होने के साथ ही शिवसेना और कांग्रेस जैसी पार्टियां इसको चुनाव आचार संहिता का आरोप लगा रही हैं और इनका कहना है कि ऐसा लगता है कि बीएमसी चुनावों में सत्ताधारी बीजेपी को प्रमोट करने के लिए ऐसा किया गया है. इस एड को एक एनजीओ मुंबई फर्स्ट ने जारी किया है. इसमें लोगों से वोट देने की अपील खास अंदाज में की गई है. इसमें कहा गया है- 'वोट कर या क्रिब कर, वोट कर मुंबईकर.'
पिछले दो दशकों से बीएमसी पर काबिज शिवसेना इस विज्ञापन से खासा नाराज है. पार्टी की यूथ विंग युवा सेना के नेता धर्मेंद्र मिश्र ने इस संबंध में महाराष्ट्र चुनाव आयोग से शिकायत की है. उनका आरोप है कि इस विज्ञापन की भाषा और अंदाज से बीएमसी में बदलाव की बात की जा रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि इसमें ट्रांसपेरेंसी(पारदर्शिता) और ट्रांसफॉरमेशन(बदलाव) जैसे शब्दों का उल्लेख किया गया है और बीजेपी के चुनाव प्रचार में भी इन्हीं पर जोर दिया गया था. इस तरह से ये एक खास तरीके से बीजेपी के पक्ष में वोटरों को प्रभावित करने वाला एड दिखता है.
इस मामले में कांग्रेस के सचिन सावंत का कहना है,''अंग्रेजी और मराठी अखबारों में प्रकाशित इस एड में बीजेपी द्वारा प्रमोट किए जाने वाले पारदर्शिता और बदलाव के मुद्दे को साफ तौर पर रेखांकित किया गया है...यह सही है कि इसे एक संगठन ने जारी किया है लेकिन सब जानते हैं कि ये संगठन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का करीबी है. यह चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन है.''
गौरतलब है कि बीजेपी पहली बार बीएमसी में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. इससे पहले दो दशकों तक वह शिवसेना के साथ मिलकर लड़ती रही है लेकिन निकाय चुनावों से पहले इस बार दोनों दलों ने अलग लड़ने का फैसला किया था. इन चुनावों में दोनों दलों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ तल्खी भी काफी बढ़ गई है.
वहीं मुंबई फर्स्ट के सीईओ शिशिर जोशी ने सफाई देते हुए कहा है कि इस एड का एकमात्र मकसद लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना था.
इसके प्रकाशित होने के साथ ही शिवसेना और कांग्रेस जैसी पार्टियां इसको चुनाव आचार संहिता का आरोप लगा रही हैं और इनका कहना है कि ऐसा लगता है कि बीएमसी चुनावों में सत्ताधारी बीजेपी को प्रमोट करने के लिए ऐसा किया गया है. इस एड को एक एनजीओ मुंबई फर्स्ट ने जारी किया है. इसमें लोगों से वोट देने की अपील खास अंदाज में की गई है. इसमें कहा गया है- 'वोट कर या क्रिब कर, वोट कर मुंबईकर.'
पिछले दो दशकों से बीएमसी पर काबिज शिवसेना इस विज्ञापन से खासा नाराज है. पार्टी की यूथ विंग युवा सेना के नेता धर्मेंद्र मिश्र ने इस संबंध में महाराष्ट्र चुनाव आयोग से शिकायत की है. उनका आरोप है कि इस विज्ञापन की भाषा और अंदाज से बीएमसी में बदलाव की बात की जा रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि इसमें ट्रांसपेरेंसी(पारदर्शिता) और ट्रांसफॉरमेशन(बदलाव) जैसे शब्दों का उल्लेख किया गया है और बीजेपी के चुनाव प्रचार में भी इन्हीं पर जोर दिया गया था. इस तरह से ये एक खास तरीके से बीजेपी के पक्ष में वोटरों को प्रभावित करने वाला एड दिखता है.
इस मामले में कांग्रेस के सचिन सावंत का कहना है,''अंग्रेजी और मराठी अखबारों में प्रकाशित इस एड में बीजेपी द्वारा प्रमोट किए जाने वाले पारदर्शिता और बदलाव के मुद्दे को साफ तौर पर रेखांकित किया गया है...यह सही है कि इसे एक संगठन ने जारी किया है लेकिन सब जानते हैं कि ये संगठन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का करीबी है. यह चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन है.''
गौरतलब है कि बीजेपी पहली बार बीएमसी में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. इससे पहले दो दशकों तक वह शिवसेना के साथ मिलकर लड़ती रही है लेकिन निकाय चुनावों से पहले इस बार दोनों दलों ने अलग लड़ने का फैसला किया था. इन चुनावों में दोनों दलों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ तल्खी भी काफी बढ़ गई है.
वहीं मुंबई फर्स्ट के सीईओ शिशिर जोशी ने सफाई देते हुए कहा है कि इस एड का एकमात्र मकसद लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना था.
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