लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीने शेष बचे हैं. ऐसे में हर पार्टी अलग-अलग रणनीति पर काम कर रही है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी, कर्नाटक में कई नए चेहरे लोकसभा चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है. ऐसे में कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटने पर भी विचार हो रहा है. बीजेपी के मौजूदा 25 में से 11 सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं. इस दौरान कई मौजूदा सांसदों ने अलग-अलग कारणों से चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा भी प्रकट कर दी है.
ये नेता संभवत चुनाव नहीं लडे़ंगे!
पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद सदानंद गौड़ा सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि वे अब चुनाव नहीं लडे़ंगे. जी एम सिद्धेश्वर (72), रमेश जिंगजिंगानी (72) अधिक उम्र के कारण संभवत चुनाव नहीं लडे़ंगे. वहीं, अनंत हेगड़े ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला दिया है. इनके अलावा शिवकुमार उदासी निजी कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते. बी एन बच्चे गौड़ा (82), मंगला अंगाडी, जी एस बसवराज, वी श्रीनिवास प्रसाद और वाय देवेंद्रप्पा अन्य सांसद हैं, जो संभवत इस बार चुनाव न लडे़ं.
कई अपवाद भी हो सकते हैं...
सूत्रों की मातें, तो मोटेतौर पर बीजेपी ने तय किया है कि 70 से ऊपर और तीन बार से अधिक चुनाव जीतने वाले नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाए. हालांकि, इसमें कई अपवाद भी हो सकते हैं. बीजेपी ने इस बार जेडीएस के साथ गठबंधन किया है. संभावना है कि बीजेपी 24 और जेडीएस चार सीटों पर चुनाव लड़े.
बीजेपी की कुछ सीटें अदला-बदली हो सकती हैं?
इस लिहाज से भी बीजेपी की कुछ सीटें अदला-बदली हो सकती है. जेडीएस को कुछ ऐसी सीटें मिल सकती हैं, जहां अभी बीजेपी के सांसद हैं. जेडीएस मांड्या, हासन, तुमकुरु, चिकबल्लापुर और बैंगुलुरु ग्रामीण सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि बीजेपी उसे कोलार, हासन, मांड्या और बेंगलुरु ग्रामीण देना चाहती है. अभी जेडीएस के पास केवल एक सीट हासन है.
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