बीजेपी सूत्रों ने कहा- यशवंत सिन्हा के दावे गलत हैं
नई दिल्ली:
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर जमकर निशाना साधा है. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी को और कमजोर करने में अहम भूमिका अदा की. तंज कसते हुए सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है, अब जिस तरीके से उनके वित्त मंत्री काम कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि वे सभी भारतीयों को गरीबी पास से दिखाएंगे. आज के समय में न ही नौकरी मिल रही है और न ही विकास तेज़ हो रहा है, जिसका सीधा असर इन्वेस्टमेंट और जीडीपी पर पड़ा है.
BJP के यशवंत सिन्हा का तंज: मोदी कहते हैं गरीबी करीब से देखी, अब जेटली सभी को दिखाने में जुटे
यशवंत सिन्हा के बयान पर बीजेपी ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बीजेपी सूत्रों के मुताबिक- यशवंत सिन्हा के लेख में अर्थव्यवस्था को लेकर कई दावे गलत हैं. मोदी सरकार को खस्ता हाल अर्थव्यवस्था मिली थी, जिसे पटरी पर लाया गया. पिछले तीन साल में अर्थव्यवस्था की हालत सुधरी है. एक तिमाही में जीडीपी कम होने से पूरी अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाना गलत है.
यशवंत सिन्हा ने की गिलानी से मुलाकात, भाजपा ने कहा-पार्टी का इससे कुछ लेना-देना नहीं
बीजेपी कार्यकारिणी में पारित प्रस्ताव में अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार की उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की गई. अमित शाह कह चुके हैं कि एक तिमाही में जीडीपी कम होने के तकनीकी कारण हैं. सरकार कह चुकी थी कि नोटबंदी और जीएसटी के चलते शुरुआत में असर दिखेगा हालांकि दीर्घकालीन लाभ होगा. काले धन और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. दुनिया भर में अर्थव्यवस्था में आई धीमी रफ़्तार का भारत पर भी असर पड़ना स्वाभाविक है. यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी जैसे नेताओं की हताशा बोल रही है.
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यशवंत सिन्हा के बयान पर बीजेपी ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बीजेपी सूत्रों के मुताबिक- यशवंत सिन्हा के लेख में अर्थव्यवस्था को लेकर कई दावे गलत हैं. मोदी सरकार को खस्ता हाल अर्थव्यवस्था मिली थी, जिसे पटरी पर लाया गया. पिछले तीन साल में अर्थव्यवस्था की हालत सुधरी है. एक तिमाही में जीडीपी कम होने से पूरी अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाना गलत है.
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बीजेपी कार्यकारिणी में पारित प्रस्ताव में अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार की उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की गई. अमित शाह कह चुके हैं कि एक तिमाही में जीडीपी कम होने के तकनीकी कारण हैं. सरकार कह चुकी थी कि नोटबंदी और जीएसटी के चलते शुरुआत में असर दिखेगा हालांकि दीर्घकालीन लाभ होगा. काले धन और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. दुनिया भर में अर्थव्यवस्था में आई धीमी रफ़्तार का भारत पर भी असर पड़ना स्वाभाविक है. यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी जैसे नेताओं की हताशा बोल रही है.
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