आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर उठापटक जारी है. इस बीच लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन को लेकर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जन सेना पार्टी (जेएसपी) प्रमुख पवन कल्याण ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा की. बताया जा रहा है कि बीजेपी, टीडीपी और जेएसपी के बीच "17+6+2" का फॉर्मूला तय हो गया है.
लोकसभा सीटों के लिए फॉर्मूला तय!
टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू जो कभी 2018 तक भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का अभिन्न अंग थे, अब गठबंधन को फिर से मजबूत करने की संभावना तलाश रहे हैं. नई दिल्ली में हुई सीट बंटवारे को लेकर हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. सूत्रों की मानें तो तीनों दलों ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर लिया है. अगले एक या दो दिनों में आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है.
लोकसभा सीटों पर बनी सहमति, विधानसभा सीटों पर फंसा पेंच!
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती चर्चा सीट-बंटवारे की व्यवस्था के इर्द-गिर्द घूमती रही. संभावित गठबंधन में भाजपा छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जेएसपी दो पर और टीडीपी शेष 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं, आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों में से भाजपा और जेएसपी कथित तौर पर 30 संसदीय क्षेत्रों की विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गए हैं, लेकिन जेएसपी अधिक की मांग कर रही है. इस बीच टीडीपी ने साफ कर दिया है कि वह 145 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.
बीजेपी का महत्वाकांक्षी लक्ष्य
टीडीपी और जेएसपी के बीच बैठक के दौरान बीजेपी की रुचि विजाग, विजयवाड़ा, अराकू, राजमपेट, राजमुंदरी, तिरूपति और एक अतिरिक्त स्थान सहित प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों को सुरक्षित करने में रही. आगामी लोकसभा चुनावों में 370 सीटें जीतने के भाजपा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य ने सफलता हासिल करने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन को महत्वपूर्ण मानते हुए एनडीए के विस्तार के प्रयासों को प्रेरित किया है.
बता दें कि आंध्र प्रदेश के अलावा भाजपा, ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजेडी) के साथ भी चुनावी समझौते पर विचार कर रही है.
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