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This Article is From Dec 31, 2011

सुरक्षित है लोकपाल बिल, फिर से आएगा बजट सत्र में : चिदंबरम

नई दिल्ली:

राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकपाल विधेयक का विरोध करने पर सरकार के हैरत में पड़ने की बात स्वीकार करते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बजट सत्र में कानून पारित करवाने के मद्देनजर सहयोगियों का समर्थन हासिल करने के लिए सरकार एक या दो संशोधनों को स्वीकार कर सकती है।

गत 29 दिसंबर को राज्यसभा में लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक, 2011 पर मतदान से पहले ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के फैसले का बचाव करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक को जीवित रखने का सरकार के पास यही एकमात्र दूरदर्शी रास्ता था। बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि उसने कुछ अन्य पार्टियों के साथ मिलकर 187 संशोधनों पर जोर देकर चतुराईपूर्ण तरीका अपनाया।

चिदंबरम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमें (तृणमूल कांग्रेस ने) हैरत में डाल दिया। हमें लगा मसौदे को फिर से तैयार करके हमने उन्हें मना लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम तृणमूल कांग्रेस को मनाने में नाकामयाब रहे। हमें विश्वास है कि अभी और बजट सत्र के बीच हम प्रावधानों को संशोधित और मसौदे को फिर से तैयार करेंगे और तृणमूल को अपने साथ कर लेंगे।' उन्होंने कहा कि हो सकता है यह काम तृणमूल कांग्रेस की इच्छा के अनुसार हो।

गृहमंत्री ने कहा, ‘जहां तक विधेयक को राज्यसभा में पारित करने की बात है, हम एक या दो संशोधनों को स्वीकार कर सकते हैं। एक या दो संशोधनों के साथ यह उसी तरह का विधेयक होगा। हम 187 संशोधनों को स्वीकार नहीं कर सकते, इससे यह एकदम अलग हो जाएगा, इसे आसानी से पहचाना नहीं जा सकेगा।' राज्यसभा में हुए घटनाक्रम पर यूपीए सरकार की आलोचना के बीच चिदंबरम ने कहा, ‘सरकार के पास एकमात्र दूरदर्शी रास्ता बहस को जारी रखना था इसलिए इसे बजट सत्र के लिए रखा गया।’

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