New Delhi:
भाजपा ने नोट के बदले वोट घोटाले की जांच करने वाली संसदीय समिति की एक रपट को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर शुक्रवार को संसद को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का ऐलान किया। संसद के दोनों सदनों में विकीलीक्स खुलासे के परिप्रेक्ष्य में सांसदों को कथित रिश्वत देने का साफ खंडन करने वाले प्रधानमंत्री के बयान के बाद लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि भाजपा समिति की रपट की विषयवस्तु को लेकर सदन को गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी। सिंह ने अपने बयान में कहा कि नोट के बदले वोट घोटाले की जांच 14वीं लोकसभा द्वारा नियुक्त एक समिति ने की थी, जिसने निष्कर्ष दिया कि रिश्वतखोरी के बारे में कोई निष्कर्ष निकालने के लिए अपर्याप्त सबूत हैं। सुषमा के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि समिति के निष्कर्षों के बारे में प्रधानमंत्री का बयान पूरी तरह बदला हुआ है। समिति ने पाया था कि :संजीव: सक्सेना रिश्वत देने वाला व्यक्ति था और उसकी भूमिका को लेकर आगे और जांच की आवश्यकता है। जेटली ने कहा कि पिछले दो साल से इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है।