भारतीय जनता पार्टी (BJP) लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तो 2024 के चुनाव में जीत का दावा पहले ही कर चुके हैं. हालांकि, इस जीत के दावे को अमली जामा पहनाने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के साथ गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी आगे आ गए हैं. अमित शाह पुराने चुनावी रणनीतिकार रहे हैं. चूकी साल 2019 के बाद से बीजेपी के सामने पश्चिम बंगाल (West Bengal) अब भी बड़ी चुनौती बनी है. इसलिए अब इसे भेदने के लिए शायद अमित शाह खुद इसकी कमान संभाल रहे हैं.
आपको बता दें, बीजेपी ने साल 2014 में मोदी लहर में भी पश्चिम बंगाल में महज 2 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि 34 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस यानी TMC की जीत हुई थी. हालांकि, साल 2019 के चुनाव में बीजेपी को 18 सीटें हासिल हुई. ये परिणाम बताते हैं कि बंगाल में बीजेपी की साख बढ़ रही है.
वहीं, पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी को बड़ी सफलता मिली और 292 सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में 213 सीट टीएमसी के खाते में आई. जबकि 77 सीटें बीजेपी को हासिल हुई. इस परिणाम को देखते हुए बीजेपी ने महसूस किया कि उन्हें बंगाल में अभी और मेहनत करने की जरूरत है.
इस बार पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने रखा है 35 सीटों का लक्ष्य
लोकसभा 2024 के चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में इस बार 35 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. इस लिहाज से इस पर काम भी शुरू हो गया है. बीजेपी बंगाल में जीत के लिए रणनीति बनाना भी शुरू कर दिया है. इसी लिहाज से गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल का दौरा भी शुरू कर दिया है. बता दें, ऐसा पहली बार हुआ है जब बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अमित शाह बंगाल दौरे पर गए हैं. ये दो दिवसीय दौरा है जिसमें पश्चिम बंगाल में संगठनात्मक परिदृश्य का आकलन किया जाएगा.
शाह ने अभी किसी तरह की रैली की योजना नहीं बनाई है. बल्कि राज्य के नेताओं और फ्रंटल संगठनों के साथ बैठक करेंगे. वहीं, गुरुद्वारा बारा सिख संगत और कालीघाट मंदिर का दौरा भी करेंगे. जबकि दिल्ली रवाना होने से पहले बंद कमरे में राज्य के बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक होगी.
आपको बता दें, अमित शाह ने पहले ही बीजेपी के सभी नेताओं को पहले ही कह दिया है कि वह लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी पहले से ही शुरू कर दें. इसके तहत मोदी की गारंटी के साथ विजय अभियान शुरू करने का निर्देश दे चुके हैं.
अमित शाह को पता है कि लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का रास्ता तय किया जा सकता है. वह इसी रणनीति के तहत बिहार में भी अभियान शुरू कर चुके हैं. शाह बिहार और बंगाल में किसी तरह की चूक नहीं चाहते हैं इस वजह से शायद उन्होंने बिहार के साथ बंगाल की कमान भी खुद संभालने का फैसला लिया है.
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